कहा, जीएसटी सुधारों पर विक्ष की आलोचना गलत जानकारी पर आधारित

Business News Update (आज समाज), बिजनेस डेस्क : चार सितंबर को वित्त मंत्री ने देश में जीएसटी दरों में सुधार की घोषणा की थी। इसके तहत आम आदमी के जीवन से जुड़ी 90 प्रतिशत वस्तुओं के सस्ते होने का अनुमान है। एक तरफ जहां केंद्र सरकार जीएसटी में किए गए इन सुधारों को देश के विकास में एक मील पत्थर की संज्ञा दे रही है वहीं कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी पार्टियों ने इसकी आलोचना की है।

जिसके बाद अब वित्त मंत्री ने विपक्ष को इस मुद्दे पर कड़े हाथों लिया है। सीतारमण ने आरोप लगाया कि जीएसटी पर विपक्ष देश को गुमराह कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत बेहतर विपक्ष का हकदार है, जीएसटी सुधारों पर उनकी आलोचना गलत जानकारी पर आधारित है। उन्होंने कहा कि भारत बेहतर विपक्ष का हकदार है, जीएसटी सुधारों पर उनकी आलोचना गलत जानकारी पर आधारित है।

विपक्षी नेता तथ्यों के साथ रखें अपनी बात

उन्होंने कांग्रेस पर भी निशाना साधा, जिन्होंने 2017 में लागू किए गए एकीकृत अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था में चार कर स्लैब बनाए जाने का दोष बीजेपी-नेतृत्व वाले एनडीए सरकार पर मढ़ा और हालिया सुधारों में केवल दो स्लैब रखने को अपनी जीत बताया। सीतारमण ने स्पष्ट किया कि यह बीजेपी का निर्णय नहीं था और तत्कालीन केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ही विभिन्न कर स्लैब तय करने या किसी वस्तु पर जीएसटी दर तय करने का निर्णय नहीं कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के मंत्री भी इसमें शामिल थे। “क्या उन्हें इस बात का पता नहीं है?” उन्होंने सवाल किया। उन्होंने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अगर विपक्षी नेता तथ्य पेश करके उन्हें गलत साबित कर दें, तो उन्हें माफी मांगने में कोई हिचकिचाहट नहीं होगी।

कांग्रेस इस मुद्दे पर बिना जानकारी बोल रही

सीतारमण ने कहा कि कांग्रेस अब हरकत में आ गई है। अगर आप मुद्दे को नहीं समझते हैं, तो कम से कम आप चुप रह सकते हैं। उन्होंने मुख्य विपक्षी दल को याद दिलाया कि राज्यों के वित्त मंत्रियों की एक अधिकार प्राप्त समिति ने ही वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने से पहले इसमें चार स्लैब रखने का फैसला किया था। इसी समिति ने 2017 से जीएसटी में क्या लागू किया जाना है, इसका खाका तैयार किया था।

वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी सुधार पर लंबी चर्चाओं में, जिसमें कांग्रेस-नेतृत्व वाली यूपीए सरकार का समय भी शामिल था, वामदल नेता और तब पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री आसिम दासगुप्ता ने सशक्त समिति के अध्यक्ष के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सीतारमण ने बताया कि अन्य विपक्षी शासित राज्यों के वित्त मंत्रियों ने भी विभिन्न समयों पर इन विचार-विमर्शों में भाग लिया।

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