Mock Drill In Four States, (आज समाज), नई दिल्ली: पाकिस्तान से सटे राज्य जम्मू-कश्मीर, पंजाब, गुजरात और राजस्थान में गुरुवार से फिर से नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल (Civil Defence Mock Drill) शुरू होने जा रही है। गौरतलब है कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद गृह मंत्रालय के आदेशानुसार इससे पहले देश के 244 जिलों में मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया था। आतंकियों ने 22 अप्रैल को पहलगाम की बैसरन घाटी में 26 लोगों की हत्या कर दी थी।
रात 8 बजे से 15 मिनट का नियंत्रित ब्लैकआउट भी
गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव सुमिता मिश्रा ने बताया कि 29 मई को होने वाले अभ्यास में नागरिक सुरक्षा वार्डन, पंजीकृत स्वयंसेवकों और राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी), राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस), नेहरू युवा केंद्र संगठन (एनवाईकेएस) और भारत स्काउट्स एंड गाइड्स सहित युवा संगठनों को बड़े पैमाने पर शामिल किया जाएगा।
अस्पतालों, दमकल केंद्रों और पुलिस स्टेशनों जैसी आवश्यक आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर महत्वपूर्ण क्षेत्रों के पास रात 8 बजे से 15 मिनट का नियंत्रित ब्लैकआउट भी किया जाएगा। गृह मंत्रालय ने 244 जिलों को जब नागरिक सुरक्षा अभ्यास करने का निर्देश दिया था, उसमें ब्लैकआउट अभ्यास, हवाई हमले के सायरन, निकासी प्रोटोकॉल और जन जागरूकता सत्र शामिल थे। इस सबका उद्देश्य नागरिकों को युद्ध जैसी आपात स्थितियों के लिए तैयार करना था।
हरियाणा में 29 मई को आपरेशन शील्ड
हरियाणा सरकार भी राज्य की आपातकालीन तैयारियों और प्रतिक्रिया क्षमताओं को बढ़ाने के लिए 29 मई को शाम 5 बजे से सभी 22 जिलों में ‘आपरेशन शील्ड’ नामक एक प्रमुख राज्यव्यापी नागरिक सुरक्षा अभ्यास का आयोजन करने जा रही है। प्रदेश सरकार ने घोषणा की है कि इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य आपातकालीन तंत्र का परीक्षण करना, नागरिक प्रशासन, रक्षा बलों और स्थानीय समुदायों के बीच समन्वय में सुधार करना है।
जानें मंगलवार को गांधीनगर में क्या बोले थे पीएम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 मई को गुजरात के गांधीनगर में एक रैली के दौरान इस बात पर जोर दिया कि भारत ने अपने कार्यों का सबूत देने के लिए आॅपरेशन सिंदूर के दौरान नौ आतंकवादी ठिकानों पर अपने हमलों को रिकॉर्ड किया था। उन्होंने यह भी कहा कि अब यह पाकिस्तान द्वारा छद्म युद्ध नहीं रह गया है, क्योंकि आतंकवादियों को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार दिया गया है, जो दर्शाता है कि आतंकवाद देश की सैन्य रणनीति का जानबूझकर किया गया हिस्सा है।
हम छद्म युद्ध कहने की गलती नहीं कर सकते
पीएम ने कहा, अब तक जिसे हम छद्म युद्ध कहते थे, 6 मई के बाद जो दृश्य देखने को मिले, उसे अब हम छद्म युद्ध कहने की गलती नहीं कर सकते। इसकी वजह यह है कि जब मात्र 22 मिनट के भीतर नौ आतंकवादी ठिकानों की पहचान कर उन्हें नष्ट कर दिया गया, तो यह एक निर्णायक कार्रवाई थी। और इस बार सब कुछ कैमरों के सामने किया गया, ताकि घर पर कोई सबूत न मांग सके।
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