स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में 311 नर्सों की भर्ती को मंजूरी
Chandigarh Breaking News (आज समाज), चंडीगढ़ : पंजाब सरकार ने एक बड़ा और अहम फैसला लेते हुए यह खुलासा किया है कि जल्द ही प्रदेश में 311 नर्सों की भर्ती की जाएगाी। जिससे प्रदेश के लोगों तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने में सफलता हासिल की जा सके। इस संबंधी फैसला सीएम भगवंत सिंह मान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया।
मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि यह फैसला मरीजों की देखभाल संबंधी सेवाओं में सुधार लाने और सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों की क्षमता बढ़ाने के प्रति पंजाब सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह फैसला अस्पतालों और चिकित्सा संस्थानों में मानव संसाधन के प्रमुख अंतर को भरने की व्यापक योजना का हिस्सा है। इसके अलावा वर्तमान में 400 से अधिक अन्य नर्सों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है, जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर स्वास्थ्य सुविधा में गुणवत्तापूर्ण नर्सिंग देखभाल सेवाएं देने के लिए पर्याप्त स्टाफ उपलब्ध हो। बताया गया है कि ये नर्सें दिसंबर के पहले सप्ताह से पहले जॉइन कर लेंगी।
800 चिकित्सकों की भर्ती प्रक्रिया भी हुई पूरी
उल्लेखनीय है कि सरकार ने प्राथमिक और ट्रशरी स्तर पर स्वास्थ्य पेशेवरों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से पहले ही 800 डॉक्टरों की भर्ती पूरी कर ली है। इसमें बाल रोग, मेडिसिन, प्रसूति एवं स्त्री रोग तथा सर्जरी सहित प्रमुख क्षेत्रों में 175 से अधिक विशेषज्ञ डॉक्टर पहले ही नियुक्त किए जा चुके हैं, जिससे सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ और पेशेवर सेवाएं मजबूत हुई हैं। ये कदम सामूहिक रूप से पंजाब के हाल के इतिहास में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए सबसे बड़ी भर्ती मुहिम की गवाही देते हैं, जिनका उद्देश्य समय पर, सुलभ और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करना है।
मेडिकल टीचिंग फैकल्टी की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाई
मंत्रिमंडल ने मेडिकल शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग में मेडिकल टीचिंग फैकल्टी से पदोन्नति द्वारा भरे जाने वाले प्रशासनिक पदों के लिए सेवानिवृत्ति आयु वर्तमान 62 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष करने को भी मंजूरी दे दी है। पहले मेडिकल शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग में मेडिकल टीचिंग फैकल्टी की सेवानिवृत्ति आयु 62 वर्ष थी, लेकिन भारत सरकार के संस्थानों के अलावा पड़ोसी राज्यों हरियाणा और चंडीगढ़ (केंद्र शासित प्रदेश) में यह 65 वर्ष है। यह कदम फैकल्टी रिटेंशन और संस्थागत स्थिरता को मजबूत करने, मेडिकल कॉलेजों के विस्तार के दौरान मेडिकल शिक्षा वातावरण को सुदृढ़ करने तथा मरीज देखभाल सेवाओं में सुधार और अकादमिक नेतृत्व की निरंतरता सुनिश्चित करने में मदद करेगा।
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