NPCI Strict UPI Rules : NPCI ने यूपीआई से जुड़े सख्त निर्देश किए जारी

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NPCI Strict UPI Rules : NPCI ने यूपीआई से जुड़े सख्त निर्देश किए जारी
UPI Users : UPI यूज़र्स को पेमेंट पर मिलेगा कैशबैक का फायदा सरकार बना रही है योजना

NPCI Strict UPI Rules : आज के समय में प्रत्येक व्यक्ति पेमेंट के लिए UPI का प्रयोग कर रहा है। जिससे यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) पर ट्रांजैक्शन की संख्या में जबरदस्त इजाफा हुआ है। UPI पर बढ़ती निर्भरता के साथ साथ कई यूज़र्स को पेमेंट से सम्भंदित रकावट जैसी समस्याएं होने लग गयी यह जिसको लेकर अब NPCI सख्त हो गया है।

इसने बैंकों को UPI एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (API) से जुड़ी 10 गाइडलाइन्स जारी की हैं, जिन्हें 31 जुलाई तक लागू करना अनिवार्य है। ये API वो प्रोटोकॉल हैं, जो बैंकिंग सिस्टम और UPI नेटवर्क के बीच सुरक्षित डेटा एक्सचेंज को संभव बनाते हैं। आइए जानते हैं क्या हैं ये नए नियम और कैसे आप बार-बार UPI में रुकावट आने की समस्या से निजात पा सकते हैं।

एपीआई के इस्तेमाल पर रखें नजर

अंग्रेजी अखबार बिजनेस स्टैंडर्ड की खबर के मुताबिक एनपीसीआई ने यूपीआई पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स और बैंकों से कहा है कि वे अपने एपीआई के इस्तेमाल पर नजर रखें और संयमित तरीके से इसका इस्तेमाल करें। इसके अलावा एनपीसीआई ने एपीआई कॉल की संख्या पर ‘रेट-लिमिट’ लगाने का भी निर्देश दिया है।

यह कदम पिछले महीने किए गए विश्लेषण के बाद उठाया गया, जिसमें पाया गया कि बैंक “चेक ट्रांजेक्शन स्टेटस” जैसे इतने सारे एपीआई कॉल भेज रहे थे कि सिस्टम खुद ही अटकने लगा था। सर्कुलर में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि इन दिशा-निर्देशों का पालन न करने पर एनपीसीआई यूपीआई एपीआई प्रतिबंध, जुर्माना या संबंधित भुगतान सेवा प्रदाता या बैंक पर नए ग्राहकों की ऑनबोर्डिंग को निलंबित करने जैसे कदम उठा सकता है।

31 जुलाई तक इन दिशा-निर्देशों को लागू करना होगा

यूपीआई सदस्यों और उनके भागीदारों को 31 जुलाई तक इन दिशा-निर्देशों को लागू करना होगा। इससे पहले, पिछले महीने भी एनपीसीआई ने चार एपीआई के लिए प्रतिक्रिया समय को कम करने और उनके दुरुपयोग को रोकने के लिए परिपत्र जारी किए थे। ये सभी कदम यूपीआई सिस्टम पर दबाव को कम करने और इसे अधिक स्थिर और विश्वसनीय बनाने के लिए उठाए जा रहे हैं।

बैंकों को अपने सिस्टम में सुधार करना होगा

विशेषज्ञों के अनुसार, NPCI इन उपायों से UPI सिस्टम पर दबाव कम करना चाहता है। ताकि बार-बार UPI हैंगअप की समस्या से बचा जा सके। हालांकि, ऐसा करने के लिए बैंकों और UPI सेवा प्रदाताओं को अपने सिस्टम में महत्वपूर्ण बदलाव करने होंगे। इसमें API कॉल की संख्या को नियंत्रित करना, अनावश्यक कॉल से बचना और अपने तकनीकी सिस्टम को मजबूत करना शामिल है। ये बदलाव अंततः उपयोगकर्ताओं को अधिक सहज और रुकावट-मुक्त UPI लेनदेन अनुभव प्रदान करेंगे।

सिस्टम अधिक स्थिर और विश्वसनीय

एक उपयोगकर्ता के रूप में, इन नए दिशानिर्देशों का मतलब है कि भविष्य में आपको UPI लेनदेन करते समय कम रुकावटों का सामना करना पड़ेगा। सिस्टम अधिक स्थिर और विश्वसनीय होगा, जिससे आपका डिजिटल भुगतान अनुभव बेहतर होगा। यह भारत के डिजिटल भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

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