सरकार ने बदले आयुष कॉलेजों की मंजूरी के नियम, हर कॉलेज की श्रेणी के अनुसार तीन-तीन विषय विशेषज्ञ कमेटी में होंगे शामिल
Haryana AYUSH College Approval Rule, (आज समाज), चंडीगढ़: हरियाणा में कोई भी नया आयुष शैक्षणिक संस्थान शुरू करने से पहले आॅब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) या एसेंशियल सर्टिफिकेट (ईसी) लेना जरूरी होगा। हरियाणा सरकार की ओर से आयुष कॉलेजों की मंजूरी के नियम बदल दिए गए है। इस संबंध में सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।
हरियाणा सरकार ने प्रदेश में आयुष (आयुर्वेद, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्धा, सोवा-रिग्पा और होम्योपैथी) से जुड़े शैक्षणिक संस्थानों की जांच और निरीक्षण के लिए नई कमेटी गठित की है।
गर्वनर की स्वीकृति के बाद स्वास्थ्य एवं आयुष विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल ने इसका नोटिफिकेशन जारी किया है। जारी नोटिफिकेशन के अनुसार गठित कमेटी पहले स्थल का निरीक्षण करेगी और फिर विभाग को रिपोर्ट सौंपेगी। कमेटी की सिफारिश पर नए संस्थान को मंजूरी प्रदान की जाएगी।
विशेषज्ञ ही करेंगे निरीक्षण
नोटिफिकेशन में यह भी उल्लेख किया गया है कि हर कॉलेज की श्रेणी के अनुसार तीन-तीन विषय विशेषज्ञ कमेटी में शामिल होंगे। अगर किसी मौजूदा आयुष संस्थान में सीटें बढ़ानी हों या नए कोर्स शुरू करने हों और भवन व भूमि का विस्तार न किया गया हो, तो केवल तकनीकी विशेषज्ञ ही निरीक्षण करेंगे।
जिला स्तर पर एडीसी करेंगे कमेटी की अगुवाई
जिलों के लिए बनने वाली यह कमेटी एडीसी की अगुआई में बनेगी। संबंधित जिले के आयुर्वेदिक अधिकारी इस कमेटी के मेंबर सेक्रेटरी और कन्वीनर होंगे। इसी तरह से संबंधित एरिया के तहसीलदार, फायर एंड इमरजेंसी सर्विसेज विभाग, शहरी निकाय, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के प्रतिनिधि तथा पीडब्ल्यूडी (बीएंडआर) या पंचायत के एक्सईएन, एसडीओ तथा आयुर्वेद, सिद्धा, यूनानी, सोवा-रिग्पा, होम्योपैथिक और योग एवं नेचुरोपैथी के विषय विशेषज्ञ को बतौर सदस्य कमेटी में शामिल किया जाएगा।
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