Bihar New Chief Minister,  (आज समाज), पटना: जनता दल-(यूनाइटेड) के प्रमुख नीतीश कुमार ने बतौर बिहार सीएम शपथ ले ली है। वह 10वीं बार राज्य के मुख्यमंत्री बने हैं। शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi), केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) सहित कई वरिष्ठ नेता व एनडीए और भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री उपस्थित रहे।

बुधवार को एनडीए लेजिस्लेचर पार्टी का लीडर चुना गया

नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को बुधवार को पटना स्थित उनके सरकारी आवास पर बिना किसी विरोध के नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (एनडीए) लेजिस्लेचर पार्टी का लीडर चुना गया। सबसे पहले नीतीश पटना में उनके सरकारी घर पर  नए विधायकों के साथ मीटिंग के दौरान उनके जेडीयू  लेजिस्लेचर पार्टी के लीडर चुने गए। भाजपा प्रदेश मुख्यालय में हुई मीटिंग के दौरान सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा को भाजपा विधायक दल का लीडर और डिप्टी लीडर चुना गया।

पहले इन वर्षों में शपथ ले चुके हैं नीतीश

जीडीयू ने कहा कि नीतीश कुमार के दोबारा शपथ लेने के साथ ही बिहार विकास का एक और नया अध्याय लिखेगा। गांधी मैदान में 2005, 2010 और 2015 में भी नीतीश शपथ ग्रहण समारोह हुआ था। यह जगह जयप्रकाश नारायण के 1974 के ऐतिहासिक संपूर्ण क्रांति के आह्वान के लिए भी जानी जाती है। प्रधानमंत्री 2020 में शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हुए थे।

एनडीए ने जीती हैं सबसे ज्यादा 202 सीटें

एनडीए के 202 असेंबली सीटों पर जीत हासिल करने के बाद जेडीयू सुप्रीमो ने सरकार बनाने का दावा पेश किया। उन्होंने बुधवार को बिहार के गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान से मुलाकात की और सीएम बनने से पहले अपना इस्तीफा दे दिया। एनडीए ने 243 में से 202 सीटें जीतकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की, जबकि महागठबंधन को केवल 35 सीटें मिलीं। यह दूसरी बार है जब एनडीए ने 200 सीटों का आंकड़ा पार किया है, पहली बार 2010 में 206 सीटों के साथ एनडीए ने जीत दर्ज की थी।

जानें किस दल को मिली हैं कितनी सीटें

एनडीएमें, भाजपा ने 89 सीटें, जेडीयू ने 85, एलजेपीआरवी ने 19, हम्म ने पांच और राष्ट्रीय लोक मोर्चा ने चार सीटें जीती हैं। विपक्षी पार्टियों में, लालूय यादव की पार्टी आरजेडी ने 25 सीटें, कांग्रेस ने छह, सीपीआई (एमएल)(एल) ने दो, आईआईपी ने एक और सीपीआई (एम) ने एक सीट जीती। एआईएमआईएम ने पांच और बीएसपी ने एक सीट हासिल की। इसी महीने की 6 और 11 नवंबर को दो फेज में हुए चुनावों में ऐतिहासिक 67.13 परसेंट वोटिंग हुई — जो 1951 के बाद सबसे ज्यादा है — जिसमें महिलाओं ने पुरुषों से ज्यादा वोटिंग की (71.6 परसेंट बनाम 62.8 परसेंट)।

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