कहा, टैरिफ का विरोध करने वाले मूर्ख, अमेरिका बना दुनिया का सबसे अमीर देश
US Tariff Policy (आज समाज), वाशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति ने एक बार फिर से अपनी आर्थिक नीतियों विशेषकर अमेरिका की टैरिफ नीति की वकालत करते हुए इसे सही बताया है। ट्रंप ने दिए ताजा बयान में अमेरिका की आर्थिक मजबूती के लिए नई टैरिफ नीति को सही व उनके द्वारा लिया गया मजबूत फैसला बताया है। ट्रंप ने रविवार को कहा कि जो लोग टैरिफ के खिलाफ हैं, वे ‘मूर्ख’ हैं। साथ ही उन्होंने दावा किया कि टैरिफ की वजह से अमेरिका दुनिया का सबसे अमीर और सम्मानित देश बन गया है, जहां लगभग कोई महंगाई नहीं है।
अमेरिका जल्द अपना कर्ज चुका देगा
टैरिफ को लेकर ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा कि टैरिफ से अमेरिका ट्रिलियनों डॉलर कमा रहा है और इसी पैसे से देश जल्द ही अपना कर्ज चुकाना शुरू करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि सभी अमेरिकियो को कम से कम 2,000 डॉलर का लाभांश (डिविडेंड) दिया जाएगा। हालांकि यह राशि उच्च आय वाले लोगों को नहीं मिलेगी।
सुप्रीम कोर्ट में चल रही टैरिफ पर सुनवाई
बता दें कि दुनियाभर में टैरिफ को लेकर चल रही चचार्ओं के बीच ट्रंप का ये बयान उस समय आया है जब अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने छह नवंबर से ट्रंप के राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान लगाए गए वैश्विक टैरिफ को लेकर महत्वपूर्ण सुनवाई शुरू की है। यह मामला अमेरिकी अदालतों में काफी अहम आर्थिक मामला माना जा रहा है। मामले में सुनवाई के दौरान कई न्यायाधीश, जिनमें एमी कोनी बैरेट, नील गोरसच, और ब्रेट कैवनॉ शामिल हैं। इन्होंने ट्रंप की नीति पर संदेह जताया। जस्टिस बैरेट ने सवाल उठाया कि प्रशासन ने एक संघीय कानून का इस्तेमाल करके सभी देशों पर समान टैरिफ क्यों लगाया। इस दौरान वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने अदालत में कहा कि प्रशासन इसे एक आर्थिक आपातकाल के रूप में देखता है।
अमेरिका ने भारत पर लगाया 50 प्रतिशत टैरिफ
ज्ञात रहे कि अमेरिका का दूसरी बार राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप ने जो सबसे बड़ा फैसला लिया था वह अमेरिका की टैरिफ नीति में बदलाव का था। अप्रैल में ट्रंप ने दुनिया के करीब 80 अहम देशों पर टैरिफ नीति में बदलाव करते हुए नए टैरिफ लगाए थे। जिनमें भारत भी शामिल था। सात अगस्त से ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया था जोकि बाद में 27 अगस्त को बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया गया। ट्रंप द्वारा उठाए गए इस कदम से हाल के महीनों में भारत से अमेरिका को निर्यात होने वाले सामान में भारी कमी आई है और भारत के कई उद्योग इसके नकारात्मक प्रभाव से जूझ रहे हैं।
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