9 सितंबर को होने है उपराष्ट्रपति चुनाव, एनडीए प्रत्याशी की स्थिति मजबूत
Vice Presidential Election (आज समाज), नई दिल्ली : देश में उपराष्ट्रपति पद के लिए 9 सितंबर को चुनाव होंगे। इन चुनाव के लिए बीते रविवार को एनडीए की अहम बैठक में सर्वसम्मति से सीपी राधाकृष्णन के अपना प्रत्याशी चुन लिया गया। सीपी राधाकृष्णन के कल नामांकन करने की पूरी संभावना है। इसकी जानकारी केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने साझा की है। उन्होंने कहा की सीपी राधाकृष्णन एक सूझवान राजनीतिज्ञ हैं और उपराष्ट्रपति पद के लिए सही दावेदार हैं। इसी लिए एनडीए की बैठक में उनके नाम पर सहमति बनी है। उन्होंने कहा कि राधाकृष्णन कल उपराष्ट्रपति पद के प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन करेंगे।
सत्ता पक्ष ने उतारा प्रत्याशी, विपक्ष का आना बाकी
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए एनडीए ने तो अपना प्रत्याशी (सीपी राधाकृष्णन) घोषित कर दिया है, लेकिन विपक्ष की तरफ से अब तक किसी की उम्मीदवारी सामने नहीं आई है। बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए ने तो चुनाव जीतने के लिए रणनीति बनानी भी शुरू कर दी है। बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व विपक्ष से भी समर्थन मांग चुका है। ऐसे में अब इस बात को लेकर चर्चा का दौर शुरू हो गया है कि उराष्ट्रपति चुनाव में किसका पलड़ा भारी है और किस गठबंधन के प्रत्याशी की जीत की संभावना ज्यादा है। ऐसे में आइए आपको बताते हैं कि इस चुनाव को लेकर लोकसभा और राज्यसभा का नंबर गेम आखिर क्या कहता है?
लोकसभा और राज्यसभा में यह है एनडीए की स्थिति
जीत और हार के आंकड़ों पर गौर करने से पहले एक बार लोकसभा और राज्यसभा में सांसदों की संख्या पर नजरें दौड़ा लेते हैं। लोकसभा की बात करें तो इसमें निर्वाचित होने वाले सांसदों की संख्या 543 है। लेकिन पश्चिम बंगाल की बशीरहाट सीट खाली होने के कारण वर्तमान में 542 सांसद निर्वाचित हैं। वहीं, अगर राज्यसभा की सीटों पर गौर फरमाया जाए तो राज्यसभा में कुल 245 सीटें हैं, लेकिन इनमें से 6 सीटें फिलहाल खाली हैं। इन 6 सीटों में 4 जम्मू-कश्मीर की हैं और एक-एक सीट झारखंड और पंजाब की है। इस तरह दोनों सदनों के वर्तमान निर्वाचित सांसदों की संख्या 781 है। किसी भी गठबंधन को जीतने के लिए इनमें से आधी यानी 391 सांसदों के वोटों की जरूरत होगी।
एनडीए को मिलती दिख रही बढ़त
बीजेपी ने एनडीए की ओर से पहले ही उपराष्ट्रपति उम्मीदवार के तौर पर सीपी राधाकृष्णन का नाम घोषित करके विपक्ष और पूरे इंडिया ब्लॉक पर बढ़त बना ली है। पहली बात तो ये है कि एनडीए के पास संसद के दोनों सदनों में इसके लिए पर्याप्त आंकड़े हैं। जीत के लिए 392 सांसदों का समर्थन चाहिए और एनडीए के पास 427 एमपी हैं। यही नहीं, विपक्ष के कई दल और सांसद भी इस चुनाव में एनडीए प्रत्याशी का समर्थन कर सकते हैं। विपक्षी नेताओं ने अभी से इसके संकेत देने शुरू कर दिए हैं और इतिहास भी गवाह है कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव में विपक्षी सांसदों को एकजुट बनाए रखना आखिरकार टेढ़ी खीर साबित होती रही है।
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