Shabnam’s 14-year-old son sentenced for hanging: फांसी की सजायाफ्यता शबनम केबारह साल के बेटे ने लगाई मां के लिए दया याचिका 

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नई दिल्ली। यूपी के अमरोह जिले के बानवखेड़ी में शबनम नाम की महिला ने प्रेमी के साथ मिलकर परिवार के सात लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। उसे कोर्टने फांसी की सजा सुनाई थी। लेकिन वारदात के वक्त वह दो महीने की गर्भवती थी। शबनम में बाद में जेल में ही अपने बच्चे को जन्म दिया। अब वह बच्चा बारह साल का हो गया है। जब उसे अपनी मां की फांसी की सजा के बारे में पता चला तो उसने अपनी की सजा माफी के लिए राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद से प्रार्थना की है। बतादें कि पहले शबनम की दया याचिका राष्‍ट्रपति द्वारा खारिज की जा चुकी है। गौरतलब है कि शबनम पहली ऐसी महिला है जिसे आजाद भारत में फांसी की सजा सुनाई गई है। बता दें कि शबनम ने अपने प्रेमी सलीम के साथ 14 अप्रैल 2008 की रात अपने ही परिवार के सात लोगों की हत्या कर दी थी। शबनम ने जेल में अपने बच्‍चे को जन्‍म दिया जिसे बाद में उसके एक दोस्‍त ने गोद ले लिया था। वह बच्चा अब बारह साल का हो गया है। उसे गोद लेने वाले शबनम के दोस्‍त ने बताया कि उसने राष्‍ट्रपति से अपनी मां के लिए माफी की मांग की है। बीते महीने शबनम की मुलाकात उसके बेटे से हुई थी, इस दौरान शबनम ने उसे टॉफी और कुछ रुपए दिए थे। जबकि शबनम के चाचा और चाची चाहते हैंकि शबनम को जल्द से जल्द फांसी दी जाए। शबनम की चाची का कहना था कि ‘हमें तो खून का बदला खून ही चाहिए। हम तो यही चाहते हैं कि इसे फांसी जल्द हो जाए। चाची ने कहा कि उस समय अगर हम भी घर में होते तो इसने हमें भी मार डाला होता। हम घटना के बाद आधी रात में यहां पहुंचे थे।

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