कोरोना से राहत, ब्लैक फंगस बना मुसीबत

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नई दिल्ली। कोरोना महामारी नेपूरी दुनिया में तो कहर बरपाया ही है भारत में भी उसका तांडव देखने को मिल चुका है। कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान लोग मौत के मुंह में समा गए। इस बीमारी ने अपनी दूसरी लहर के दौरान युवाओं को अपनी चपेट में लिया और मौंत के घाट उतार दिया। हालांकि भारत मेंअब कुछ राहत का समय है। कोरोना महामारी अपनी ढलान पर है। हालात सामन्य हो रहेहैऔर प्रतिदिन मिलनेवाले मामले भी कम हो रहे हैं। एक ओर तो कोरोना से राहत दिख रही हैलेकिन दूसरी ओर इसी महामरी के कारण पनप रहे ब्लैक फंगस से हजारों लोग परेशान हो रहे हैं। अब ब्लैक फंगस के मामले बढ़ते दिख रह ेहैं। देश में 40,845 ब्लैक फंगस के मामले सामनेआ चुके हैं। इन मरीजों मेंअधिकतर दिमाग और नासिका तंत्र के कारण संक्रमित हैं। जानकारी के अनुसार 32 फीसदी मरीजों की आयु 18 से 45 वर्ष तक थी जिन्हें ब्लैक फंगस हुआ। इसके अलावा 17,464 मरीजोंकी आयु 45 से 60 साल के बीच भी है। यह डेटा केंद्र सरकार द्वारा सोमवार को जारी किया गया है। कोरोना यानी कोविड-19 पर 29वीं बैठक के दौरान य डेटा शेयर ्िरया गया। जिसमें यह जानकारी दी गई कि अब तक देश में 40,845 केस ब्लैक फंगस के मिले हैं, जिनमें से 31,344 मामले ऐसे हैं, जिनमें मरीजों के दिमाग या फिर नासिका तंत्र में इन्फेक्शन हुआ है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, ‘अब तक 3,129 लोगोंकी मौत ब्लैक फंगस के कारण हुई है। ब्लैक फंगस के मरीजों में से 34,940 को कोरोना हुआ था। इसके अलावा 64 फीसदी यानी 26,187 लोगों को गंभीर बीमारियां थीं। इसके अलावा 52.69 फीसदी लोग ऐसे थे, जिन्हें स्टेरॉयड लेने के चलते यह इन्फेक्शन हुआ है।’ यही नहीं ब्लैक फंगस भी कोरोना की तरह ही हर आयु वर्ग के लोगों को अपना शिकार बना रहा है।

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