JDU leaders are against citizenship bill, : एडीए की घटक दल जेडीयू के नेताओं का नागरिकता बिल पर विरोधी सुर, नीतिश से पुनर्विचार करने की अपील

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नई दिल्ली। लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक सोमवार को आधी रात में पास हो गया। सुबह दस बजे इस पर बहस शुरू हुई थी। तीखी बहस के बाद इसे लोकसभा में पास किया गया। केंद्र भाजपा सरकार की समर्थक पार्टियों ने इस बिल का समर्थन किया था। लेकिन अब जब इसे राज्यसभा में पेश किया जाना है। एनडीए के घटक दलों में भी विरोध के सुर निकल रहे हैं। एनडीए की पार्टी जेडीयू में इस बिल के खिलाफ आवाज उठ रही है। नितीश कुमार की पार्टी जनता दल (यू) ने भले ही लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक का समर्थन किया है लेकिन पार्टी के अंदर विरोध के सुर मुखर हैं। नागरिकता संशोधन विधेयक को जदयू द्वारा समर्थन दिए जाने पर पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर के बाद अब पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन कुमार वर्मा ने भी नाराशा जाहिर की है। जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन कुमार वर्मा ने पार्टी अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से समर्थन के फैसले पर फिर से विचार करने की अपील की है। पवन कुमार वर्मा ने मंगलवार को ट्वीट किया, ‘ मैं नीतीश कुमार से राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पर समर्थन करने पर दोबारा विचार करने की अपील करता हूं। यह बिल असंवैधानिक, भेदभावपूर्ण और देश की एकता के खिलाफ है।

साथ ही ये बिल जदयू के मूल विचारों के भी खिलाफ हैं, गांधी जी इसका पूरी तरह से विरोध करते। गौरतलब है कि एनडीए की घटक दल जेडीयू के लोकसभा में 16 और राज्य सभा में सांसदों की संख्या 6 है। इस तरह कयास लगाए जा रहे हैं कि बिल राज्यसभा में फंस सकता हैं क्योंकि लोकसभा में इसका समर्थन करने वाली पार्टी शिवसेना भी राज्यसभा में इस बिल का समर्थन करेगी यह तय नहीं है। शिवसेना के राज्यसभा में तीन सांसद हैं। जदयू के प्रशांत किशोर ने कहा कि, जदयू के नागरिकता संशोधन विधेयक को समर्थन देने से निराश हुआ। यह विधेयक नागरिकता के अधिकार से धर्म के आधार पर भेदभाव करता है। यह पार्टी के संविधान से मेल नहीं खाता जिसमें धर्मनिरपेक्ष शब्द पहले पन्ने पर तीन बार आता है। पार्टी का नेतृत्व गांधी के सिद्धांतों को मानने वाला है।

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