कर्नल गीता राणा ने पूर्वी लद्दाख के फॉरर्वड इलाके में फील्ड वर्कशॉप की कमान संभाल रचा इतिहास

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Colonel Geeta Rana
कर्नल गीता राणा ने पूर्वी लद्दाख के फॉरर्वड इलाके में फील्ड वर्कशॉप की कमान संभालकर रचा इतिहास

आज समाज डिजिटल (Colonel Geeta Rana): कर्नल गीता राणा ने एक बार साबित कर दिया है कि देश की बेटियां किसी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। अन्य क्षेत्रों के साथ भारतीय सेना में शामिल होकर भी बेटियां देश सेवा में बखूबी अपनी जिम्मेदारी निभा रही हैं। ऐसी ही देश की बेटी कर्नल गीता राणा ने पूर्वी लद्दाख के फॉरर्वड और दूरस्थ इलाके में फील्ड वर्कशाप की कमान संभाली है और यह उपलब्धि हासिल करने वाली वह पहली महिला अफसर बन गई हैं।

  • कर्नल गीता राणा उपलब्धि हासिल करने वाली पहली महिला अफसर

परिवार में खुशी का माहौल, अधिकारी कर रहे तारीफ

बता दें कि गीता राणा अभी कोर आफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड मैकेनिकल इंजीनियर्स में कर्नल हैं। लद्दाख के दूरस्थ इलाके में जिम्मेदारी मिलने के बाद गीता के परिवार में भी खुशी का माहौल है। इसी के साथ सैन्य अधिकारियों ने भी उनकी तारीफ भी की है।

चीन सीमा पर तैनात स्वतंत्र फील्ड वर्कशॉप को करेंगी कमांड

सेना ने हाल ही में महिला अधिकारियों को भी कमांडर की भूमिका में लेने की मंजूरी दी है। कर्नल गीता इसके बाद यह उपलब्धि पाने वाली पहली महिला अधिकारी बनी हैं। सेना ने महिला सैन्य अधिकारियों के लिए हाल ही में 108 भर्तियां निकाली हैं, जिनमें वह चीन सीमा पर तैनात कॉर्प्स ऑफ इंजीनियर्स, ऑर्डिनेंस, इलेक्ट्रोनिक्स एंड मैकेनिकल इंजीनियर्स (ईएमई) समेत अन्य शाखाओं की स्वतंत्र यूनिट को कमांड कर सकेंगी।

अन्य महिला सैन्य अधिकारियों को भी दी  जाएंगी ऐसी नियुक्तियां

आने वाले दिनों में अन्य महिला सैन्य अधिकारियों को भी ऐसी नियुक्ति दी जा सकती हैं। सेना के अधिकारियों ने कहा, कई महिला अधिकारियों की पोस्टिंग पहले ही हो चुकी है और जल्द ऐसी और सूचियां सामने आएंगी क्योंकि इसके लिए बोर्ड संकलित किए जाएंगे और परिणाम जल्द घोषित किए जाएंगे। बोर्ड द्वारा पास की गई महिला अधिकारियों को कमान की भूमिका दी जाएगी और उन्हें भविष्य में बल में उच्च पदों पर प्रमोट भी किया जाएगा।

शांति मिशनों में भी महिला सैनिकों की तैनाती शुरू

सेना ने मित्र देशों के साथ संयुक्त अभ्यास और शांति मिशनों में महिला सैनिकों की तैनाती भी शुरू कर दी है। सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे महिला अधिकारियों और सैनिकों को हर संभव अवसर देने के पक्ष में हैं और आर्टिलरी रेजीमेंट में उनके प्रवेश को भी जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है।

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