अडाणी-हिंडनबर्ग मामले में जांच के लिए अपनी कमेटी बनाएगा सुप्रीम कोर्ट

0
263
Adani-Hindenburg Case
अडाणी-हिंडनबर्ग मामले में जांच के लिए अपनी कमेटी बनाएगा सुप्रीम कोर्ट

आज समाज डिजिटल, नई दिल्ल्ली,(Adani-Hindenburg Case): अडाणी-हिंडनबर्ग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हम जांच में ट्रांसपेरेंसी चाहते हैं, इसलिए हम अपनी कमेटी बनाएंगे। शुक्रवार को याचिका पर सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने मामले की जांच के लिए विशेषज्ञों के नाम सीलबंद लिफाफे में लेने से इनकार करते हुए उक्त टिप्पणी की। बता दें कि पिछली सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत के कहने पर केंद्र सरकार मामले की जांच के लिए विशेषज्ञों की एक कमेटी बनाने के लिए तैयार हो गई थी। उस समय सरकार ने विशेषर्ज्ञो के नाम सीलबंद लिफाफे में देने की पेशकश की थी।

  • सीलबंद सुझावों को मानने से कोर्ट का इनकार 
  • शीर्ष कोर्ट ने जांच में ट्रांसपेरेंसी को जरूरी बताया
  • अदालत में अब तक 4 जनहित याचिकाएं दायर

सुप्रीम कोर्ट ने आदेश सुरक्षित खा

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सख्त लहजे में कहा कि वह मामले की जांच में ट्रांसपेरेंसी चाहता है, लिहाजा केंद्र सरकार का सुझाव नहीं माना जा सकता। कोर्ट ने सरकारी पक्ष से कहा, आपने जो नाम सौंपे हैं, वह दूसरे पक्ष को नहीं दिए गए तो पारदर्शिता की कमी होगी, इसलिए, हम अपनी तरफ से कमेटी बनाएंगे। जजों ने यह कहने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया। बता दें कि मामले में अभी तक 4 जनहित याचिकाएं दायर की जा चुकी हैं। एडवोकेट एम एल शर्मा, विशाल तिवारी, कांग्रेस नेता जया ठाकुर और सोशल वर्कर होने का दावा करने वाले मुकेश कुमार ने ये याचिकाएं दायर की हैं।

याचिकाओं में शेयरों को शॉर्ट सेल करने का दावा

मामले में पहली सुनवाई चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला ने 10 फरवरी को की थी। दूसरी सुनवाई 13 फरवरी को हुई। याचिकाओं में दावा किया गया है कि हिंडनबर्ग ने शेयरों को शॉर्ट सेल किया जिससे निवेशकों को भारी नुकसान हुआ। इसमें ये भी कहा गया है कि रिपोर्ट ने देश की छवि को धूमिल किया है। यह अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रहा है। इसके साथ ही रिपोर्ट पर मीडिया प्रचार ने बाजारों को प्रभावित किया और हिंडनबर्ग के फाउंडर नाथन एंडरसन भी भारतीय नियामक सेबी को अपने दावों का प्रमाण देने में विफल रहे।

24 जनवरी को हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक रिपोर्ट पब्लिश की

24 जनवरी को हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडाणी ग्रुप को लेकर एक रिपोर्ट पब्लिश की थी। रिपोर्ट में ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर शेयर मैनिपुलेशन जैसे आरोप लगाए गए थे। रिपोर्ट के बाद ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली थी। 3 फरवरी को अडाणी एंटरप्राइजेज का शेयर 1000 रुपए के करीब पहुंच गया था। हालांकि, बाद में इसमें रिकवरी आई। अभी ये 1800 रुपए के करीब है।

एलआईसी और एसबीआई की भूमिका पर संदेह

याचिका में जया ठाकुर ने एलआईसी और एसबीआई की भूमिका पर संदेह जताया है। उन्होंने एलआईसी और एसबीआई की अडाणी एंटरप्राइजेज में भारी मात्रा में सार्वजनिक धन के निवेश की भूमिका की जांच की मांग की है। बता दें कि अडाणी समूह ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को झूठा बताया है। साथ ही समूह की ओर से यह भी कहा गया है कि कंपनी सभी नियमों एवं कानूनों का पालन करती है एवं आवश्यकतानुसार इसका विवरण जारी करने में सक्षम है।

ये भी पढ़ें : शिवसेना पर एकनाथ या उद्धव गुट का अधिकार, सुप्रीम कोर्ट में फैसला सुरक्षित

ये भी पढ़ें : तुर्की और सीरिया में भूकंप से मरने वाले लोगों की संख्या 42000 के करीब पहुंची

Connect With Us: Twitter Facebook
SHARE