15 अगस्त के दिन चोटी पर फहराया तिरंगा, जय श्रीराम और भारत माता का किया जयघोष
Narendra Singh Yadav, (आज समाज) रेवाड़ी: हरियाणा के रेवाड़ी के रहने वाले पर्वतारोही नरेंद्र सिंह यादव ने 15 अगस्त के दिन एक नया कीर्तिमान रचा है। नरेंद्र ने यूरोप की सबसे ऊंची माउंट एल्ब्रस को फतह किया। माउंट एल्ब्रस की चोटी पर स्वतंत्रता दिवस दिन जब नरेंद्र ने तिरंगा फहराया तो सभी देश वासियों ने नरेंद्र सैल्यूट किया। नरेंद्र पहले भी 2 बार यह कारनामा कर चुके है। नरेंद्र की इस उपलब्धि से पूरे विश्व में भारत का मान बढ़ा। इस ऐतिहासिक उपलब्धि के साथ वे माउंट एल्ब्रस पर सबसे अधिक बार चढ़ाई करने वाले पहले भारतीय पर्वतारोही बन गए।
नरेंद्र माउंट एल्ब्रस (5,642 मीटर) को पहले 2017 और 2023 में भी फतह कर चुके है। नरेंद्र की इस अद्वितीय उपलब्धि पर किर्गिज गणराज्य के पर्वतारोहण एवं खेल चढ़ाई संघ ने उन्हें प्रमाण पत्र और मेडल देकर सम्मानित किया। संतोष यादव ने साल 1992 में पहली बार और साल 1993 में दोबारा एवरेस्ट को फतह किया था।
-30 डिग्री सेल्सियस तापमान के बीच की चढ़ाई
यह अंतरराष्ट्रीय अभियान एनएसवाई आउटडोर्स के नेतृत्व में 9 अगस्त को शुरू हुआ। छह दिन के कठिन प्रशिक्षण व ऐक्लिमेटाइजेशन के बाद 15 अगस्त की रात 1 बजे बेस कैंप से अंतिम चढ़ाई शुरू हुई।
हाड कंपा देने वाली -30 डिग्री सेल्सियस ठंड और 40-50 किमी/घंटा की तेज हवाओं के बीच लगातार संघर्ष करते हुए, सुबह सवा नौ बजे नरेंद्र ने शिखर पर पहुंचकर तिरंगा फहराया। इस दौरान नरेंद्र ने जय श्रीराम और भारत माता का जयघोष किया।
नेहरूगढ़ गांव के रहने वाले है नरेंद्र, सातों महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियां कर चुके फतह
नरेंद्र रेवाड़ी के गांव नेहरूगढ़ के रहने वाले है। नरेंद्र सातों महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियों पर विजय प्राप्त करने वाले भारत के पहले युवा पुरुष पर्वतारोही हैं। अब नरेंद्र का अगला लक्ष्य एक्सप्लोरर्स ग्रैंड स्लैम को पूरा करना, जिसमें सातों महाद्वीपों की चोटियों के साथ-साथ उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव तक पहुंचना शामिल है। नरेंद्र ज्वालामुखी पर्वतों पर भी चढ़ाई कर भारत का परचम एक बार फिर वैश्विक स्तर पर लहराना चाहते हैं।
दोनों पैर की अंगुलियां नहीं मुड़ती
नरेंद्र यादव के पैर पर्वतारोहण के कारण फ्रॉस्टबाइट के शिकार हो चुके हैं, लेकिन उन्होंने फिर भी हार नहीं मानी है। फ्रॉस्टबाइट के कारण 2 साल तक उनका उपचार चला था। अब उनके दोनों पैर की सभी अंगुलियां मुड़ती नहीं हैं, केवल सीधी ही रहती हैं। एक बार तो डॉक्टर ने उंगलियां काटने के लिए बोल दिया था।
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