- सब हेडिंग – सांसद ने नेत्रहीन खेलों के प्रति अपने निरंतर संकल्प को दोहराया
- क्रॉसर – भारत में नेत्रहीन खेलों के लिए प्रशिक्षित कोच की संख्या 1000 से भी कम
- भारत में 24 से ज्यादा प्रतिस्पर्धी ब्लाइंड क्रिकेट टीमें खेल रही
MP Kartikeya Sharma, (आज समाज), चंडीगढ़/नई दिल्ली: सांसद कार्तिकेय शर्मा ने विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर विशेष उल्लेख के माध्यम से नेत्रहीन तथा दृष्टिबाधित खिलाड़ियों की आवश्यकताओं को उठाते हुए उनके प्रति अपने दीर्घकालिक समर्पण को पुन: रेखांकित किया। कई वर्षों से शर्मा इस समुदाय से गहराई से जुड़े रहे हैं और सुरक्षित प्रशिक्षण वातावरण, संस्थागत समर्थन तथा व्यापक सार्वजनिक जागरूकता के लिए निरंतर प्रयासरत रहे हैं। इस दौरान उन्होंने हाल ही में महिला ब्लाइंड क्रिकेट विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम को बधाई भी दी।
अनुकूलित उपकरण — अधिकांश स्थानीय खेल परिसरों में उपलब्ध नहीं
सत्र के दौरान उन्होंने एक महत्वपूर्ण चुनौती पर ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहा कि भारत विश्व की सबसे बड़ी दृष्टिबाधित जनसंख्या वाले देशों में से एक है। देश में लगभग 4.95 मिलियन नेत्रहीन नागरिक रहते हैं। इसके बावजूद बड़ी संख्या में उभरते खिलाड़ी अब भी अप्रयुक्त, असुरक्षित और अनुकूलन-रहित स्थानों पर अभ्यास करने को मजबूर हैं। आवश्यक सुगम्यता सुविधाएं — टैक्टाइल पाथवे, श्रव्य संकेत, कोर्ट पर टैक्टाइल मार्किंग, नॉन-स्लिप सतहें, सुगम्य परिसंचरण क्षेत्र तथा अनुकूलित उपकरण — अधिकांश स्थानीय खेल परिसरों में उपलब्ध नहीं हैं। प्रशिक्षित कोचों, गाइडों और विशेष सहायता कर्मियों की कमी भी उनकी प्रतिस्पर्धी प्रगति को सीमित करती है। वर्तमान में भारत में नेत्रहीन खेलों के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित कोचों की संख्या 1,000 से भी कम है, जबकि प्रतिभागियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
हालिया विश्व कप जीत ने देश को गौरवान्वित किया
शर्मा की दृष्टिबाधित खिलाड़ियों से जुड़ाव संसद से कहीं आगे तक जाता है। वे नेत्रहीन क्रिकेट टीमों का कई अवसरों पर समर्थन कर चुके हैं, जिनमें भारतीय दिव्यांग महिला क्रिकेट टीम के सम्मान समारोह में उनकी उपस्थिति भी शामिल है, जिनकी हालिया विश्व कप जीत ने देश को गौरवान्वित किया। लगातार उनके साथ जुड़े रहने से वे दृष्टिबाधित खेल समुदाय में एक विश्वसनीय और परिचित चेहरा बन चुके हैं। भारत में आज 24 से अधिक प्रतिस्पर्धी ब्लाइंड क्रिकेट टीमें सक्रिय रूप से खेल रही हैं, जो इस खेल के तेजी से बढ़ते विस्तार को दर्शाता है।
ब्लाइंडफोल्ड क्रिकेट चैलेंज को प्रोत्साहित कर रहे कार्तिकेय शर्मा
अपने इस संकल्प को आगे बढ़ाते हुए वे एक अनोखी सार्वजनिक पहल — ब्लाइंडफोल्ड क्रिकेट चैलेंज — को भी प्रोत्साहित कर रहे हैं, जिसके तहत नागरिकों को केवल दो-तीन मिनट पट्टी बांधकर क्रिकेट खेलने के लिए प्रेरित किया जाता है। उद्देश्य स्पष्ट है: लोगों को अनुभव कराना कि बिना दृष्टि के खेलना कितना चुनौतीपूर्ण है, कितनी एकाग्रता और मानसिक दृढ़ता चाहिए, और इस प्रक्रिया में नेत्रहीन खिलाड़ियों के प्रति सहानुभूति तथा राष्ट्रीय पहचान का निर्माण करना।
देश में एक मजबूत खेल पारिस्थितिकी विकसित की
संसद में शर्मा ने उल्लेख किया कि पिछले दशक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने पैरास्पोर्ट्स में उल्लेखनीय प्रगति की है। खेलो इंडिया पैरा गेम्स जैसे कदमों ने देश में एक मजबूत खेल पारिस्थितिकी विकसित की है। हाल के वर्षों में भारत ने अंतरराष्ट्रीय पैरा प्रतियोगिताओं में अपना अब तक का सबसे बड़ा दल भेजा है और पदक संख्या में लगातार वृद्धि दर्ज की है।
आज उनका आग्रह इसी गति को आगे बढ़ाने पर केंद्रित था, जिसमें शामिल हैं:
- देशभर में नेत्रहीन-अनुकूल खेल सुविधाओं का विस्तार
- दृष्टिबाधित खिलाड़ियों के लिए समर्पित प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना
- प्रशिक्षित कोचों और गाइडों की उपलब्धता सुनिश्चित करना
- सभी खेल स्थलों पर स्पष्ट सुगम्यता मानकों को अपनाना
राष्ट्रीय पहचान और सम्मान मिले जिसके वे पूर्णत: हकदार
कार्तिकेय शर्मा का यह हस्तक्षेप दृष्टिबाधित खिलाड़ियों के समर्थन में संसद की सबसे निरंतर और प्रभावी आवाजों में उनकी भूमिका को एक बार फिर पुष्ट करता है। उनका निरंतर प्रयास यह सुनिश्चित करता है कि नेत्रहीन खिलाड़ियों की प्रतिभा और दृढ़ता को वह राष्ट्रीय पहचान और सम्मान मिले जिसके वे पूर्णत: हकदार हैं।
ये भी पढ़ें: Panipat News : छह वर्षीय बच्ची के ब्लाइंड मर्डर का महज 36 घंटे में पर्दाफाश, साइको किलर ‘चाची’ गिरफ्तार