Mann Ki Baat: गढ़चिरौली के कटेझारी गांव में पहली बार पहुंची बस का ग्रामीणों ने ढोल बजाकर किया स्वागत : प्रधानमंत्री मोदी

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Mann Ki Baat: माओवादी-प्रभुत्व वाले गढ़चिरौली जिले के कटेझारी गांव में पहली बार पहुंची बस का ग्रामीणों ने ढोल बजाकर किया स्वागत : मोदी

PM Modi Mann Ki Baat 122nd Episode, (आज समाज), नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 122वें एपिसोड में आज माओवादी-प्रभुत्व वाले क्षेत्र गढ़चिरौली जिले के कटेझारी गांव में हो रही प्रगति और छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में शैक्षणिक उपलब्धियों का भी विस्तृत विवरण दिया। उन्होंने बताया कि किस तरह सरकार की नक्सलवाद के खिलाफ अथक लड़ाई की बदौलत माओवादी हिंसा प्रभावित क्षेत्र प्रगति की राह पर आगे बढ़ने लगे हैं।

कटेझारी गांव में तेजी से हो रही स्थिति सामान्य 

पीएम ने कहा कि कटेझारी गांव में आया सकारात्मक बदलाव आसपास के समूचे इलाके में देखा जा रहा है। बहुत तेजी से वहां स्थिति सामान्य हो रही है। उन्होंने कहा, बस से यात्रा करना एक आम बात है, लेकिन गढ़चिरौली का कटेझारी ऐसा गांव है जहां पहली बार बस आई। लोगों ने उसका ढोल बजाकर स्वागत किया। वहां के लोग सालों से इस दिन का इंतजार कर रहे थे।

पक्की सड़क थी, लेकिन पहले कभी बस नहीं चली 

कटेझारी गांव में पक्की सड़क थी, लेकिन यहां पहले कभी बस नहीं चली थी। ऐसा इसलिए क्योंकि यह गांव माओवादी हिंसा से प्रभावित था। माओवाद के खिलाफ सामूहिक लड़ाई की वजह से ऐसे इलाकों में भी बुनियादी सुविधाएं पहुंचने लगी हैं। गांव वालों का कहना है कि बस आने से उनका जीवन काफी आसान हो जाएगा।

दंतेवाड़ा : 10वीं और 12वीं में 95% छात्र उत्तीर्ण हुए

पीएम मोदी ने नक्सलवाद से प्रभावित इलाकों, खासकर छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में शिक्षा की प्रगति पर भी प्रकाश डाला, जहां छात्रों ने चुनौतियों के बावजूद बेहतरीन प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि जिले के विद्यार्थियों ने 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में शानदार परिणाम हासिल किए हैं, जिसमें लगभग 95 प्रतिशत छात्र उत्तीर्ण हुए हैं। दंतेवाड़ा ने 10वीं के परिणामों में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है और 12वीं की परीक्षा में छत्तीसगढ़ में छठा स्थान प्राप्त किया है।

माओवाद प्रभावित क्षेत्रों के बच्चों में विज्ञान के प्रति जुनून

प्रधानमंत्री ने कहा, मन की बात में हम पहले ही छत्तीसगढ़ में आयोजित बस्तर ओलंपिक और माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में विज्ञान प्रयोगशालाओं के बारे में चर्चा कर चुके हैं। यहां के बच्चों में विज्ञान के प्रति जुनून है। वे खेलों में भी बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं। इस तरह के प्रयास दिखाते हैं कि इन क्षेत्रों में रहने वाले लोग कितने साहसी हैं। इन लोगों ने इतनी चुनौतियों के बीच अपने जीवन को बेहतर बनाने का रास्ता चुना है। मुझे यह जानकर भी बहुत खुशी हुई कि 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में दंतेवाड़ा जिले के परिणाम बहुत अच्छे रहे हैं।

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