- मणिपुर घाटी में 3 मई 2023 को भड़की थी हिंसा
- घटनाओं में अब तक 250 से अधिक लोगों की मौत
- 60,000 से अधिक लोग हो चुके हैं विस्थापित
Manipur Ethnic Violence Second Anniversary, इंफाल: मणिपुर जातीय हिंसा की आज दूसरी सालगिरह है और इस दौरान किसी तरह अप्रिय घटना के मद्देनजर राज्य में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। गौरतलब है कि 3 मई 2023 को मणिपुर घाटी में बहुसंख्यक मैतई और पहाड़ी बहुसंख्यक कुकी के बीच बड़े पैमाने पर जातीय हिंसा हुई थी और अब तक राज्य संघर्ष जारी है। हिंसा भड़कने के बाद से अब तक 250 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और 60,000 से अधिक लोग विस्थापित हो चुके हैं।
आज रैलियां निकाले जाने व विरोध प्रदर्शन की उम्मीद
पहाड़ी और घाटी दोनों जगहों पर युद्धरत समुदायों द्वारा आज रैलियां निकाले जाने की उम्मीद है, जिसे देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैँ। मणिपुर पुलिस अधिकारियों के अनुसार, दोनों क्षेत्रों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, इम्फाल, कांगपोकपी, चुराचांदपुर और अन्य संवेदनशील जिलों में प्रमुख स्थानों पर गहन तलाशी और जांच चल रही है।
इम्फाल शहर व आसपास किया फ्लैग मार्च
राज्य और केंद्रीय इकाइयों सहित संयुक्त सुरक्षा बलों के लगभग 200 वाहनों ने शुक्रवार को इम्फाल शहर और उसके आसपास एक फ्लैग मार्च किया, जिसमें इम्फाल पूर्व और पश्चिम दोनों जिले शामिल थे। मार्च शाम करीब 4 बजे पैलेस कंपाउंड, इम्फाल पूर्व में सिटी कन्वेंशन सेंटर से शुरू हुआ और पूरे शहर में जारी रहा।
मणिपुर 2023 से ही उथल-पुथल में
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर बताया, मणिपुर 2023 से ही उथल-पुथल में है। कई लोग मारे गए हैं, कई घायल हुए हैं या लापता हो गए हैं। जनता को आश्वस्त करने और किसी भी तरह की हिंसा को रोकने के लिए संयुक्त सुरक्षा फ्लैग मार्च किया जा रहा है।
चुराचांदपुर जिले में भड़की थी पहली बार जातीय हिंसा
आदिवासी संगठन आल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन मणिपुर (ATSUM) द्वारा आयोजित एक सामूहिक रैली के बाद 3 मई, 2023 को चुराचांदपुर जिले में पहली बार जातीय हिंसा भड़की थी। रैली का आयोजन मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की सिफारिश के विरोध में किया गया था। चुराचंदपुर में रहने वाले हजारों मैतेई लोग गुस्साई भीड़ द्वारा उनके घरों में तोड़फोड़ और आगजनी किए जाने के बाद भाग गए। जवाबी कार्रवाई में घाटी में हजारों कुकी लोगों की संपत्तियों में भी तोड़फोड़ की गई और आग लगा दी गई।
सार्वजनिक सम्मेलन, अलगाव दिवस
जातीय हिंसा की दूसरी वर्षगांठ मनाने के लिए, शीर्ष मैतेई संगठन, मणिपुर अखंडता पर समन्वय समिति (उडउडटक), शनिवार को इम्फाल के खुमान लम्पक में एक सार्वजनिक सम्मेलन आयोजित कर रहा है, जो मैतेई बहुल क्षेत्र है। कुकी बहुल जिले चुराचंदपुर में वर्षगांठ को ‘अलगाव दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा।
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