Iphone Production in India : भारत में आईफोन बनाना एपल के लिए बेहतर विकल्प

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Iphone Production in India : भारत में आईफोन बनाना एपल के लिए बेहतर विकल्प
Iphone Production in India : भारत में आईफोन बनाना एपल के लिए बेहतर विकल्प

नीति आयोग ने कहा, भारत में विश्व के अन्य देशों के मुकाबले कोई भी मैन्यूफेक्चरिंग सस्ती और आसान

Iphone Production in India (आज समाज), बिजनेस डेस्क : अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा एपल के सीईओ टिम कुक को आईफोन की मैन्यूफेक्चरिंग यूनिट अमेरिका में ही लगाने और भारत में प्रोडक्शन बंद करने संबंधी बनाए जा रहे विवाद में नीति आयोग का बड़ा बयान आया है। दरअसल नीति आयोग के बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने कहा कि एपल को आईफोन का निर्माण भारत में करना अन्य देशों के मुकाबले काफी आसान है।

उन्होंने कहा कि भारत में दूसरे देशों के मुकाबले आईफोन बनाना सस्ता है। भारत एपल को आईफोन बनाने के लिए सस्ते और बेहतर विकल्प आॅफर करता है। सुब्रह्मण्यम ने कहा कि टैरिफ क्या होगा, यह अनिश्चित है। लेकिन मौजूदा वैश्विक हालात को देखें, तो भारत अभी भी एक किफायती और अच्छा मैन्युफैक्चरिंग हब है।

ट्रम्प ने एपल सीईओ को यह धमकी दी थी

डोनाल्ड ट्रम्प ने पिछले दिनों कहा था कि अमेरिका में बेचे जाने वाले आईफोन की मैन्युफैक्चरिंग भारत या किसी अन्य देश में नहीं, बल्कि अमेरिका में ही होनी चाहिए। उन्होंने एपल के उएड टिम कुक को बता दिया है कि यदि एपल अमेरिका में आईफोन नहीं बनाएगा तो कंपनी पर कम से कम 25% का टैरिफ लगाया जाएगा। इससे पहले ट्रम्प ने 15 मई को कतर की राजधानी दोहा में बिजनेस लीडर्स के साथ एक कार्यक्रम में एपल सीईओ के साथ हुई बातचीत की जानकारी दी थी।

यूरोपीय यूनियन पर भी 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने की तैयारी में अमेरिका

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने यूरोपीय यूनियन के देशों पर 50% टैरिफ लगाने की धमकी दी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए बताया कि यूरोपीय यूनियन से आने वाले सभी प्रोडक्ट्स पर 50% टैरिफ लगेगा, जब तक कि ये प्रोडक्ट्स अमेरिका में नहीं बनाए जाते। ट्रंप इसे 1 जून लागू करने का प्लान बना रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक ट्रम्प यूरोपीय यूनियन के साथ ट्रेड डील के आगे न बढ़ने से नाराज है। एव ने आपसी सहमति से सभी टैरिफ को 0 करने का प्रस्ताव रखा है, जबकि ट्रम्प सभी तरह के आयात पर 10% टैरिफ लगाने की बात पर अड़े हैं। ट्रम्प ने ओवल आॅफिस में पत्रकारों से बातचीत में साफ किया कि वे एव से कोई समझौता नहीं चाहते। अगर कंपनियां अमेरिका में निवेश करें तो टैरिफ को टाल सकते हैं।

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