क्या आप भी किसी डर या फोबिया की चपेट में हैं

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कोरोना वायरस महामारी और आजकल की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों के पास अपनी सेहत का ख्याल रखने के लिए समय नहीं मिल रहा है। महामारी का डर और काम की अधिकता के साथ-साथ बाकी की चिंता लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी काफी बुरा असर डाल रही हैं, जिससे लोगों को और भी कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। लिहाजा, हम सभी को अपने मानसिक स्वास्थ्य या मेंटल हेल्थ को लेकर जागरूक रहना बहुत जरूरी है।
दिमागी रूप से मजबूत बनना बहुत जरूरी
मौजूदा समय में आप कई बार फोबिया शब्द को सुनते होंगे। दरअसल, फोबिया इंसान के दिमाग में बैठा एक ऐसा डर होता है, जिसका वास्तविकता से कोई संबंध नहीं होता। विशेषज्ञों का मानना है कि फोबिया का इलाज दवाइयों से नहीं होता। फोबिया या डर से छुटकारा पाने के लिए दिमाग, भावनाओं और आत्मा को सिलसिलेवार तरीके से ट्रीट करना होता है। इसके लिए दिमाग को स्थिर रखना बहुत जरूरी है क्योंकि हमारा दिमाग ही जो हमारे शरीर के साथ-साथ भावनाओं को काबू में रख सकता है। जब तक हम अपने दिमाग से मजबूत नहीं होंगे, तब तक हमें ऐसी दिक्कतों का सामना करते रहना पड़ेगा। दिमाग को मजबूत बनाने के लिए मेडिटेशन एक प्रभावशाली उपाय है। मेडिटेशन के जरिए हमारा दिमाग काफी स्थिर होता है।
दिमाग से जुड़ी सभी समस्याओं का समाधान है मेडिटेशन
दिमाग में बसेरा कर चुके डर और नकारात्मक सोच की वजह से व्यक्ति स्लीपिंग डिसॉर्डर का भी शिकार हो जाता है, जिससे वह रात में ठीक से सो नहीं पाता। नतीजा, स्लीपिंग डिसॉर्डर की वजह से ही वह व्यक्ति और भी कई तरह की बीमारियों की चपेट में आ जाता है। कुछ लोग डर, चिंता और तनाव की स्थिति में नशे का सहारा लेते हैं। लेकिन नशा करने से व्यक्ति को सिर्फ कुछ देर के लिए ही चिंता और तनाव से मुक्ति मिलती है। ऐसे में वह ऐसी परिस्थितियों में बार-बार नशा करने लगते हैं और देखते ही देखते वे नशे के आदी हो जाते हैं। लिहाजा, अब उन्हें नशे से होने वाले नुकसान को भी झेलना पड़ता है। ऐसे में अपने दिमाग को तंदुरुस्त और स्वस्थ रखना बहुत जरूरी है और इसके लिए मेडिटेशन सबसे प्रभावशाली उपाय है।

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