आयुर्वेद के अनुसार इम्यूनिटी बढ़ाने के 5 प्राकृतिक तरीके

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संक्रमण को दूर रखने के लिए एक मजबूत इम्यूनिटी होना बहुत जरूरी है। विशेष रूप से कोरोना वायरस महामारी के समय में स्वस्थ रहना बेहद जरूरी है। मजबूत इम्युनिटी के लिए आप कुछ आयुर्वेदिक तरीके भी अपना सकते हैं। इसके लिए आप कई तरह की जड़ी-बूटियों और मसालों का सेवन कर सकते हैं।

हल्दी वाला दूध

माना जाता है कि दिन में एक कप हल्दी वाला दूध इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करता है। हल्दी में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं और ये कोशिकाओं की सूजन को भी रोकता है। इसके अलावा, ये आपके मस्तिष्क के लिए भी अच्छा है क्योंकि इसमें करक्यूमिन नामक एक गुण होता है। ये मस्तिष्क की कोशिकाओं के विकास में मदद करता है। मजबूत इम्युनिटी के लिए गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर सेवन किया जा सकता है।

नस्य

अपने नथुने में घी, तिल का तेल या नारियल के तेल की कुछ बूंदों को डालने से संक्रमण को रोक सकते हैं। नस्य को नहाने से एक घंटे पहले खाली पेट किया जा सकता है। प्रत्येक नथुने में 4-5 बूंदें डालने के लिए अपने सिर को पीछे की तरह करके लेट जाएं। नस्य एक प्राचीन प्रथा है लेकिन अन्य देशों में लोकप्रिय होने के बाद फिर से प्रचलन में है। आयुर्वेद विशेषज्ञों का कहना है कि ये इम्युनिटी बढ़ाने का एक बेहतरीन तरीका है क्योंकि ये नाक के मार्ग को साफ करके संक्रमण को दूर करने में मदद करता है।

ऑयल पुलिंग थेरेपी

ऑयल पुलिंग बैक्टीरिया को दूर करने और मौखिक स्वच्छता बनाए रखने के लिए आपके मुंह को साफ करने का एक देसी तरीका है। ये एक आयुर्वेदिक प्रथा है, जिसमें खाने के तेल को मुंह के चारों ओर घुमा कर थूक दिया जाता है। आयुर्वेद के अनुसार, ऑयल पुलिंग के अभ्यास से आपकी मौखिक और नाक की प्रतिरक्षा में सुधार होता है। ये म्यूकस मेम्ब्रेन को हाइड्रेट करता है जो बैक्टीरिया, वायरस और फंगस से बचाता है। ये सांसों की बदबू को कम करने और कैविटी को रोकने में भी मदद कर सकता है। ऑयल पुलिंग के लिए 1 चम्मच तिल या नारियल का तेल मुंह में लें। इसे पिएं नहीं, 2-3 मिनट तक मुंह में घुमाएं और थूक दें और फिर गर्म पानी से धो लें। ये दिन में एक या दो बार किया जा सकता है।

च्यवनप्राश का सेवन करें

च्यवनप्राश के कई फायदे हैं और ये वायरस के खिलाफ लड़ने में मदद करता है। ये इम्युनिटी बढ़ाता है। आंवला और अन्य जड़ी-बूटियों को गुड़ के साथ मिलाकर घर पर तैयार किया जाए तो ये और भी बेहतर काम करता है। घर के बने च्यवनप्राश का सेवन हर मौसम में हर रोज कम से कम दो बार किया जा सकता है। आयुर्वेद के अनुसार च्यवनप्राश हमें संक्रमण से बचाता है और शरीर की कोशिकाओं की सूजन को रोकता है। ये खून को साफ करने में मदद करता है और हमारे श्वसन तंत्र के लिए फायदेमंद है।

कढ़ा या हर्बल चाय

मजबूत एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों वाले विभिन्न मसालों का सेवन हर्बल चाय या तुलसी, दालचीनी, काली मिर्च से बने कढ़े के रूप में किया जा सकता है। आप स्वाद के लिए गुड़ या नींबू का रस मिला सकते हैं।

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