- जत्थेदार गडगज्ज ने अंबाला के गांव पठानमाजरा मटेरी शेखां में गुरमत समागम में शिरकत की
Kurukshetra News(आज समाज नेटवर्क) कुरूक्षेत्र। श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यवाहक जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी कुलदीप सिंह गर्गज्ज ने आज शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सिख मिशन हरियाणा के प्रभारी सुखविंदर सिंह के सहयोग से अंबाला जिले के गांव पठानमाजरा मटेरी शेखां में गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा में स्थानीय सिख संगत द्वारा श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी, भाई मति दास, भाई सती दास और भाई दयाला जी की शहादत की 350वीं वर्षगांठ को समर्पित गुरमत समागम में भाग लिया। यह कार्यक्रम शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एस. रघुजीत सिंह विर्क के नेतृत्व में आयोजित किया गया।
जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गरगज्ज ने संगत को सिख गुरुओं की शिक्षाओं और सिख सिद्धांतों के अनुसार जीवन जीने के लिए प्रेरित किया
भाई शमनदीप सिंह तन हजूरी रागी श्री दरबार साहिब ने कीर्तन, भाई रघबीर सिंह खालसा ढाडी जत्था ने ढाडी वारां, भाई जोरावर सिंह गुरदासपुरी ने कविश्री और भाई नवजोत सिंह अर्लीभान प्रचारक धर्म प्रचार कमेटी श्री अमृतसर ने कथा विचार प्रस्तुत किए। इस अवसर पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की धर्म प्रचार कमेटी द्वारा प्रकाशित साहित्य की पुस्तक प्रदर्शनी भी लगाई गई।जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गरगज्ज ने संगत को सिख गुरुओं की शिक्षाओं और सिख सिद्धांतों के अनुसार जीवन जीने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की गुरबाणी हर पहलू से व्यक्ति का मार्गदर्शन करती है, एक सिख किसी भौतिक शरीर या तथाकथित बाबाओं के पास नहीं जाता बल्कि शबद गुरु की शरण में जाकर जीवन जीता है। उन्होंने संगत को श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी से जुड़ने और अपने जीवन को सफल बनाने के लिए प्रेरित किया।
सिख गुरुद्वारा प्रबंधन और मामलों में सरकारों के हस्तक्षेप को कभी बर्दाश्त नहीं कर सकते
जत्थेदार गडगज्ज ने कहा कि गुरुद्वारे सिख धर्म के प्रचार-प्रसार के केंद्र हैं, जिनका प्रबंधन पंथिक भावनाओं के अनुरूप खालसा पंथ के हाथों में होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सिख गुरुद्वारा प्रबंधन और मामलों में सरकारों के हस्तक्षेप को कभी बर्दाश्त नहीं कर सकते। उन्होंने संगत को आगाह किया कि गुरुद्वारों का प्रबंधन सिख भावनाओं के अनुरूप किया जाना सुनिश्चित करें।जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गडगज्ज ने संगत में उपस्थित महिलाओं और बहनों से विशेष अपील की कि वे अपने बच्चों को जन्म से ही सिख धर्म से जोड़ें और प्रतिदिन सिख इतिहास से संबंधित साखियों का पाठ करें।
उन्होंने कहा कि हरियाणा के सभी सिख परिवारों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके बच्चे गुरुमुखी पंजाबी सीखें और पढ़ें ताकि वे श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की पवित्र गुरबाणी से जुड़ सकें। उन्होंने सभी सिखों से संगठित, एकजुट और श्री अकाल तख्त साहिब के प्रति समर्पित रहने की अपील की।इस अवसर पर स्थानीय प्रशासकों ने जत्थेदार गडगज्ज को सिरोपा देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य स. हरपाल सिंह मछौंडा, पूर्व शिरोमणि कमेटी सदस्य स. गुरदीप सिंह, स. बलकार सिंह मर्दों साहिब, स. सुखदेव सिंह ननिओला हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य, स. गुरमीत सिंह अध्यक्ष गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, स. हरकेश सिंह मोहरी अकाली नेता, स. अमरजीत सिंह मोहरी, स. बलजिंदर सिंह चुरियाला किसान नेता, स. जसबीर सिंह, स. बलदेव सिंह निजी सहायक, स. जसकरण सिंह मीडिया सलाहकार, स. गुरलाल सिंह, स. शेर सिंह, क्षेत्र के गणमान्य व्यक्ति और बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।