Kolkata Rain Today Update, (आज समाज), कोलकाता: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में बारिश ने कई दशकों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार सोमवार रात से मंगलवार सुबह तक राजधानी में लगभग 7 घंटे तक मूसलाधार बारिश हुई और बताया जा रहा है कि शहर में पूरे वर्ष होने वाली बारिश का यह लगभग यह 20 प्रतिशत है। यानी एक रात में हुई बारिश पूरे साल का 20 फीसदी है। कोलकाता मौसम विभाग के अनुसार शहर में साल में औसत 1,345.5 मिमी पानी बरसता है।
कोलकाता के कई बड़े इलाके जलमग्न
स्थानीय प्रशासन के अनुसार भारी बारिश के कारण कोलकाता के कई बड़े इलाके जलमग्न हो गए हैं। कई जगह सड़कें पानी से लबालब हैं। घरों में भी पानी घुस गया है। इसके अलावा रेलवे पटरियों, एयरपोर्ट व बस अड्डे में पानी भर गया है, जिससे यातायात बुरी तरह प्रभावित है। सोमवार से अब तक बर्षाजनित हादसों में कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई है। कोलकाता नगर निगम ने, जहां-जहां पानी जमा हुआ है उन इलाकों को खाली करवाने के साथ ही नालियां साफ रखने के लिए टीमें लगाई हैं।
हावड़ा और सियालदह यार्ड में पानी भर गया
हावड़ा ( Howrah) और सियालदह यार्ड (Sealdah railway yards) में पानी भर गया जिसके कारण रेल सेवाएं बाधित हुर्इं। कई लोकल ट्रेनों का संचालन कैंसिल करना पड़ा। नेताजी सुभाष चंद्र बोस इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर लगभग 100 उड़ानें कैंसिल हुईं और 80 से ज्यादा के संचालन में देरी हुई। इंडिगो व एयर इंडिया आदि एयरलाइंस ने यात्रियों के लिए एडवाइजरी जारी कर संभावित देरी को लेकर अलर्ट किया है।
दूर्गा पूजा की तैयारियां, कारोबार बुरी तरह प्रभावित
गौरतलब है कि इन दिनों पश्चिम बंगाल में दूर्गा पूजा की तैयारियां चल रही हैं और मौसम की बेरुखी ने इस त्योहार के साथ ही कारोबार को भी बुरी तरह प्रभावित किया है। बता दें कि दुर्गा पूजा बंगाल का सबसे बड़ा पर्व है। दरअसल तेज बारिश के कारण पंडाल बनाने व सजावट का काम बाधित हुआ है। हमेशा की तरह इस बार भी कई कमेटियां पंडाल ऊंचे प्लेटफॉर्म पर बनाने की तैयारी में हैं।
पहले 1978 में बरसा था इतना पानी
मौसम विभाग के मुताबिक जिस तरह सोमवार से मंगलवार सुबह तक लगातार तेज बारिश हुई है वही स्थिति वर्ष 1978 में दुर्गा पूजा से पहले देखी गई थी। तब 280 मिमी बारिश दर्ज की गई थी शहर के कई इलाके जलमग्न हो गए थे। इसके बाद 1986 में भी 259.5 एमएम बारिश से कोलकाता को बुरी तरह प्रभावित किया था।
बदला फटने की अफवाह, मौसम विभाग ने साफ की स्थिति
लगातार बारिश को देखकर कई लोगों ने अफवाह उड़ा दी कि बादल फटा है। हालांकि मौसम विभाग ने इससे इनकार किया है। अधिकारियों ने कहा कि ऐसी कोई स्थिति नहीं है। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि जब बादल फटता है तो उसके बाद एक घंटे में लगभग 100 मिमी से अधिक बारिश जरूरी होती है। वहीं कोलकाता में अधिकतम प्रति घंटे की बारिश 98 एमएम दर्ज की गई है।
बंगाल की खाड़ी में बना था कम दबाव का क्षेत्र
मौसम विभाग ने बताया कि सोमवार को बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बना था और यह सिस्टम गंगीय पश्चिम बंगाल की ओर बढ़ा व भारी नमी लेकर आया। बादल 5-7 किमी की ऊंचाई तक बने थे, जिससे लगातार भारी बारिश हुई। अभी तक शहर में और बारिश होने का अनुमान है। अधिकारियों के अनुसार 25 सितंबर यानी गुरुवार को बंगाल की खाड़ी में एक और कम दबाव का क्षेत्र बनने का अनुमान है। हालांकि इसका असर ज्यादा आंध्र प्रदेश व ओडिशा और आंध्र प्रदेश पर होने के आसार हैं। इसके प्रभाव से दक्षिण बंगाल में हल्की बारिश हो सकती है। दुर्गा पूजा के दौरान भारी बारिश का अनुमान नहीं है।
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