व्रतराज नामक ग्रंथ में 7 चीजों को बताया गया हैं पवित्र
Puja-Path Niyam, (आज समाज), नई दिल्ली: सनातन धर्म में पूजा पाठ और धार्मिक कार्य बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। पूजा पाठ और धार्मिक कार्य से व्यक्ति पुण्य फलों की प्राप्ति करता है। उसके घर-परिवार में खुशहाली बनी रहती है, लेकिन पूजा पाठ या अन्य किसी धार्मिक काम से पहले शरीर और मष्तिष्क की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण मानी गई है। स्नान, स्वच्छ वस्त्र और संयमित आहार व्यक्ति को पूजा-पाठ के योग्य बनाने के लिए जरूरी है।

हालांकि कई बार व्यक्ति बीमार होने या भूख न सह पाने के कारण कुछ खा लेता है, तो उसके मन में ये सवाल आता है कि क्या वो खाने के बाद भी पूजा-पाठ कर सकता है? इसका जवाब धर्मशास्त्रों और पुराणों में ऋषि-मुनियों ने दिया है। व्रतराज नामक एक ग्रंथ में 7 चीजों को पवित्र बताया गया है, जिनका सेवन करने के बाद भी व्यक्ति पूजा पाठ और धार्मिक अनुष्ठान कर सकता है।

  • जल: जल को जीवन माना गया है। अगर प्यास लगी हो तो व्यक्ति पूजा से पहले जल पी सकता है। जल पीने के बाद की जाने वाली पूजा को भगवान स्वीकार करते हैं। ये शास्त्रसम्मत भी है।
  • दूध: गाय का दूध बहुत पवित्र होता है। व्यक्ति या कोई व्रती दूध का सेवन करके पूजा पाठ कर सकता है।
  • कंद-मूल: शकरकंद, अरबी, आलू आदि की गिनती कंद मूल भोजन में की जाती है। ये चीजें सात्विक हैं। इनके सेवन के बाद पूजा पाठ किया जा सकता है।
  • फल: फलों को स्वाभाविक रूप से सात्त्विक और पवित्र माना गया है। फलों का सेवन करने के बाद बिना स्नान किए भी पूजा पाठ किया जा सकता है।
  • औषधि: अगर कोई व्यक्ति बीमार है, तो वो दवाएं खाकर पूजा-पाठ कर सकता है। औषधियां शास्त्रों में धर्मसम्मत मानी गई हैं।
  • पान: हिंदू धर्म में पान का पत्ता बहुत शुद्ध माना गया है। इसका उपययोग पूज पाठ में भी होता है। इसका सेवन करने के बाद भी पूजा पाठ किया जा सकता है।
  • गन्ना: गन्ना प्राकृतिक और सात्विक भोजन माना जाता है। इसके सेवन के बाद भी पूजा पाठ करने पर कोई रोक नहीं है।