पितृदोष होगा दूर
Pitru Paksha, (आज समाज), नई दिल्ली: भगवान के समान ही पितरों का स्थान भी माना जाता है। पौराणिक मान्यता है कि अगर आपके पितर नाराज होते हैं, तो आप जीवन के किसी भी क्षेत्र में तरक्की नहीं कर पाते। आपके काम बनते-बनते बिगड़ने लगते हैं। हर साल भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि से लेकर आश्विन मास की अमावस्या तिथि तक पितृपक्ष की पूजा की जाती है। इस बार 7 सितंबर 2025 से पितृपक्ष का आरंभ हो रहा है, जिसका समापन 21 सितंबर 2025, वार रविवार को होगा। धार्मिक मान्यता के अनुसार, जो लोग पितृपक्ष के दौरान पितरों की पूजा, पिंडदान, श्राद्ध और तर्पण आदि कार्य करते हैं, उन्हें पितरों की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

साथ ही पितृ दोष नहीं लगता है। दरअसल, जिन लोगों के ऊपर पितृ मेहरबान होते हैं, उनके कुल का सदा विस्तार होता है। घर में आए-दिन क्लेश नहीं होते हैं, बल्कि परिवारवालों में प्यार का संतुलन बना रहता है। आप अगर पितृदोष से पीड़ित हैं, तो आप कुछ संकेतों से इस बात को जान सकते हैं और कुछ विशेष उपायों से उन्हें मना भी सकते हैं।

पितृदोष के संकेत

  • पौराणिक मान्यता के अनुसार अगर किसी व्यक्ति पर पितृदोष लगा होता है, तो बहुत चाहने और कोशिशों के बाद भी उसका वंश आगे नहीं बढ़ पाता है। इसका अर्थ यह है कि संतान उत्पत्ति में बहुत-सी बाधाओं का सामना करना पड़ता है।
  • घर में पीपल के पौधे का उगना भी पितृदोष की एक निशानी है। कभी-कभी घर की दरारों, छत पर पड़े टूटे-फूटे गमलों या फिर घर के आंगन में पीपल का पौधा अपने आप उग आता है। घर में पीपल के पौधे का उग आना शुभ नहीं माना जाता। इससे घर में नकारात्मकता आती है।
  • हर व्यक्ति के जीवन में छोटी-मोटी दुर्घटनाएं होती रहती है लेकिन जब आपके घर में कुछ दिनों में ही एक के बाद एक दुर्घटनाएं बढ़ती रहती है, तो आपको समझ जाना चाहिए कि इसका कारण पितृदोष हो हो सकता है। ऐसे में इस संकेत को समझकर आपको कुछ विशेष उपाय जरूर करने चाहिए।
  • हर व्यक्ति कामयाबी पाने के लिए मेहनत करता है लेकिन मेहनत करने के बावजूद जब आपको तरक्की न मिले या फिर आपके काम में बार-बार बाधाएं आने लगे, तो यह भी पितृदोष का एक संकेत माना जाता है। आपको पितरों को शांत करने के लिए कुछ विशेष उपाय करने चाहिए।
  • आपके घर में अगर कोई मांगलिक कार्य करने की तैयारी के बीच कोई बाधा बार-बार खड़ी हो जाती है, तो आपको समझ जाना चाहिए कि आपके पितर आपसे खुश नहीं है और किसी न किसी कारण से वे आपसे नाराज हैं। ऐसे में पितरों को शांत करने के लिए कुछ उपाय करने चाहिए।

पितृदोष से मुक्ति पाने के लिए विशेष उपाय

  • पितरों को मनाने के लिए आपको पितृ पक्ष में उनका तर्पण, पिंडदान, और श्राद्ध कर्म जरूर करना चाहिए। इससे पितरों की नाराजगी से मुक्ति मिलती है।
  • पितरों की शांति के लिए उनके नाम का भोजन, जल जरूर निकालें। भोजन अलग से निकालकर पितरों का आह्वान करके उन्हें चढ़ा दें।
  • पितरों की तस्वीरों का रख-रखाव भी आपको अच्छी तरह से करना चाहिए। पितृ पक्ष ही नहीं बल्कि रोजाना आपको पितरों की तस्वीर को साफ करके इस पर फूल माला चढ़ानी चाहिए।
  • पितृ पक्ष में पितरों के नाम का दिया जरूर निकालना चाहिए। पौराणिक मान्यता है कि पितृ पक्ष में पितर धरती पर आते हैं, इसलिए दक्षिण दिशा में पितरों के नाम का दीया जरूर निकालना चाहिए।
  • पूजा-हवन या मांगलिक कार्यों में भगवान के साथ पितरों की पूजा भी जरूर करनी चाहिए। इससे पितृदोष शांत होता है।
  • पितरों को शांत करने के लिए आपको ज्यादा से ज्यादा दान जरूर करना चाहिए। पौराणिक मान्यता है कि दान-पुण्य से भी पितृदोष से मुक्ति मिलती है।

धन की कमी दूर करने का उपाय

पितृ पक्ष के दौरान नियमित रूप से प्रात: काल में घर की उत्तर-पूर्व दिशा में गाय के घी का एक दीपक जलाएं, जबकि शाम में किचन में पानी के पास दीप जलाएं। यदि पितृपक्ष में आप ये उपाय नियमित रूप से करते हैं तो आपको पितरों की विशेष कृपा जरूर प्राप्त होगी। साथ ही धन प्राप्ति की राह में आ रही परेशानियां दूर होंगी।

पितरों को खुश करने का उपाय

यदि आपको लगता है कि आपके पितृ आपसे नाराज हैं तो पितृपक्ष के दौरान रोजाना शाम में पूजा करने के बाद घर के एक कोने में उपले जलाएं। उपले जलाने से पहले उनमें गुड़ और घी जरूर मिला लें। इस दौरान अपनी गलतियों के लिए माफी मांगें और पितरों को याद करें। ऐसा करने से आपको पितृदोष से मुक्ति मिलेगी। साथ ही कुंडली में ग्रहों की स्थिति में भी सुधार होगा।

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