Who is the Tempery and the Permanente in Team India…टीम इंडिया में कौन टेंपररी कौन परमानेन्ट …

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अक्सर सरकारी आफ़िसो में देखने को मिला है लोग सालों से टेंपररी काम करते रहते हैं इस इंतज़ार में कि शायद एक दिन परमानेन्ट हो जाए .. और जो पक्की नौकरी पर होते हैं वे आराम करते हैं .. पर ये बात टीम इंडिया पर लागू नहीं होती .. कोरोना काल से पहले तक टीम में कम कम से कम 8-10 खिलाड़ी पक्के होते थे … पर आज आलम ये है कि टीम में कप्तान उपकर्तान को छोड़कर कोई पक्का नहीं है … अब आप भी ये सोच रहे होंगे कि लगातार मैच जीतने वाली टीम में टेंपररी खिलाड़ी ज़्यादा और परमानेन्ट खिलाड़ी कम कैसे है .. दरअसल सच तो यही है कि इसके पीछे कई वजहें हैं। आप इसे जरूरत से ज्यादा विकल्प की मौजूदगी कह सकते हैं। आप इसे विराट कोहली के दिमाग में चल रही अनोखी चकरी के उल्टा चलते  रहने की चाहत कह सकते हैं। आप इसे कप्तान की पसंद-नापसंद कह सकते हैं। आप इसे खिलाड़ियों में खुद को साबित करने की भूख कह सकते हैं। लेकिन इन सभी बातों का नतीजा ये है कि इस वक्त टीम इंडिया में कप्तान विराट कोहली और उप कप्तान रोहित शर्मा को छोड़ कर किसी की भी जगह पक्की नहीं है। विराट कोहली जब टॉस के लिए मैदान में उतरते हैं तो क्रिकेट फैंस को बस इस बात का इंतजार रहता है कि कौन आया प्येलेइंग इलेवन में और कौन गया मैदान से बाहर …  सच है कि विराट कोहली इस मकसद से ये सारे फैसले करते हैं कि टीम को जीत मिले। लेकिन इस तरह के फैसलों की वजह से कई खिलाड़ियों में असुरक्षा का भाव रहता है। उनके मन में ये डर रहता है कि उन्हें हर एक मैच के प्रदर्शन की कसौटी पर परखा जाएगा। इससे उलट ऐसे खिलाड़ी भी हैं जिन्हें जरूरत से ज्यादा मौके मिलते हैं। मिसाल के तौर पर के राहुल .. कप्तान के अटूट भरोसे की वजह से वे पुणे में खेले और रिषभ पंत की बलि चढ़कर विराट ने राहुल के हीरो भी बना दिया .. अब मुद्दा ये है कि पंत टेस्ट में अच्छा करके टी २० में पहली पसंद बन सकते हैं तो टी २० में अच्छा प्रदर्शन का ईनाम वनडे में क्यों नहीं मिलेगा .. हालाँकि पूर्व सेलेक्टर सबाकरीम मानते हैं कि हर फार्मेंट की अपनी ज़रूरतें हैं और कप्तान और कोच उसके हिसाब से टीम चुनते है

एक अनार सौ बीमार

हिंदी की ये कहावत इन दिनों टीम इंडिया पर फ़िट बैठती है …. टी-20 सीरीज में क्रिकेट फैंस देख चुके हैं जब विराट कोहली ने सूर्य कुमार यादव को प्लेइंग 11 में चुना लेकिन बल्लेबाजी न मिलने के बाद भी अगले ही मैच में ड्रॉप भी कर दिया। टी-20 सीरीज के पहले चार मैच में खराब प्रदर्शन के बाद विराट कोटली ने केएल राहुल को आखिरी टी-20 से ड्रॉप किया लेकिन वनडे में फिर वापस ले आए। उन्होंने वनडे में केएल राहुल को पहले की तरह कीपिंग की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी। अब सवाल ये है कि जो ऋषभ पंत टेस्ट और टी-20 में शानदार प्रदर्शन कर चुके हैं। वो वनडे टीम से बाहर हैं। कुछ ऐसी ही स्थिति युजवेंद्र चहल के साथ भी हुई। उन्हें भी टी-20 के आखिरी मैच के बाद वनडे सीरीज के पहले मैच की प्लेइंग 11 में जगह नहीं मिली। इसके पीछे की एक वजह ये भी है कि जिस खिलाड़ी को भी मौका मिल रहा है वो शानदार प्रदर्शन कर रहा है। ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज से शुरू हुआ ये सिलसिला जारी है। मोहम्मद सिराज, वाशिंगटन सुंदर टेस्ट सीरीज में इस कदर चमके कि उन्हें बाहर करना मुश्किल फैसला था। इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में अक्षर पटेल ने यही कारनामा किया।  फिर टी-20 सीरीज में इशान किशन ने ऐसा तूफानी डेब्यू किया कि उन्हें बाहर करना मुश्किल लगने लगा। सूर्यकुमार यादव क्रीज पर उतरे तो वो भी जमकर खेले। अब ऐसे में दिक्कत यही है कि विराट के पास जगह तो 11 खिलाड़ियों की ही है।

सुल्तान को बदलाव पसंद है

2017 चैम्पियंस ट्राफ़ी के बाद टीम इंडिया का कोच बदला और साथ ही कप्तान की सोच भी बदली .. टीम में परमानेन्ट सदस्य  आर अश्विन और रवींद्र जडेजा इस कसौटी पर खरे नहीं उतर रहे थे। वो किफायती थे लेकिन उन्हें विकेट नहीं मिल रहे थे। ऐसे में विराट कोहली ने कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल को ये जिम्मेदारी सौंपी थी। कुलचा के नाम से मशहूर हुई इस जोड़ी ने करीब डेढ़ साल तक राज किया। लेकिन विश्व कप में इंग्लैंड के खिलाफ मैच में ये दोनों गेंदबाज महंगे साबित हुई। उसके बाद विराट ने इस जोड़ी को तोड़ने का फैसला किया। अब हाल के दिनों में विराट कोहली को ऐसे गेंदबाज चाहिए जो बल्लेबाजी भी कर लेते हों। वाशिंगटन सुंदर, शार्दूल ठाकुर जैसे खिलाड़ी इसी श्रेणी में आते हैं। आप इन खिलाड़ियों पर प्रश्न इसलिए नहीं उठा सकते हैं क्योंकि ये जीत दिला रहे हैं। ताजा उदाहरण प्रसीध कृष्णा का है। जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी जैसे गेंदबाज टीम में नहीं हैं तब उन्होंने डेब्यू में ही इतिहास रच दिया। अब उन्हें बाहर बिठाना मुश्किल है। स्थिति अब ये है कि कोई भी फार्मेट हो टीम इंडिया में हर खिलाड़ी के पीछे तीन खिलाड़ी खड़ी नज़र आएगा .. यानि रिप्लेसमेंट का सेल्यूशन तो है कनफ्यूशन भी बहुत है

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