अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन का भारत दौरा, इन मुद्दों पर होगी चर्चा

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US Secretary of State Antony Blinken's

नई दिल्ली। जो बाइडेन सरकार बनने के बाद पहली बार अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन भारत के दौरे पर आए हैं, जहां आज उन्होंने भारतीय एनएसए अजीत डोभाल से बेहद महत्वपूर्ण मुलाकात की है। माना जा रहा है कि अजीत डोभाल और एंटनी ब्लिंकन की मुलाकात चीन को ध्यान में रखकर की गई है, वहीं अफगानिस्तान को लेकर भी बेहद महत्वपूर्ण मुलाकात हुई है। साउथ ब्लॉक में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और अजीत डोभाल की मुलाकात और बातचीत हुई है। वहीं, अब एंटनी ब्लिंकन भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी मुलाकात करने वाले हैं। माना जा रहा है कि क्वाड की आगामी बैठक से पहले एंटनी ब्लिंकन अमेरिकी राष्ट्रपति का महत्वपूर्ण संदेश लेकर भारत पहुंचे हैं। सूत्रों के मुताबिक, भारतीय एनएसए से मुलाकात के दौरान दोनों के बीच अफगानिस्तान और चीन को लेकर काफी अहम बातचीत हो सकती है।

अफगानिस्तान की शांति में भारत अहम भूमिका निभाना चाहता है, जबकि पाकिस्तान और चीन भारत के खिलाफ हैं। वहीं, रूस ने भारत को लेकर अपने पत्ते पूरी तरह से खोले नहीं है, जबकि अमेरिका को अफगानिस्तान में पूरी तरह से भारत का साथ चाहिए, लिहाजा माना जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच अफगानिस्तान को लेकर बातचीत होगी। इस साल क्वाड फिर से एक्टिव हो चुका है और क्वाड की पहली मीटिंग भी हो चुकी है। जिसमें भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा और आॅस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरीसन ने हिस्सा लिया था। जिसमें इंडो-पैसिफिक के लिए क्वाड के सदस्यों के बीच रणनीति बनी थी। वहीं माना जा रहा है कि अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन जब भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात करेंगे, तो उन्हें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का जरूरी मैसेज भी देंगे, जिसके केन्द्र में चीन होगा। वहीं अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बीच मुलाकात में क्षेत्रीय मुद्दों पर बातचीत होने की संभावना लगाई जा रही है। माना जा रहा है कि दोनों समकक्षों के बीच अफगानिस्तान को लेकर ज्यादातर बातचीत हो सकती है, वहीं दक्षिण चीन सागर और तिब्बत में चीन की आक्रामकता को लेकर भी दोनों देशों के बीच बातचीत होगी। इसके साथ ही रक्षा मुद्दों को लेकर भी दोनों नेताओं में अहम बातचीत हो सकती है।

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