Police Superintendent changed the lives of ninety families: इनसे सीखें-शराब बनाने का कारोबार छोड़ मोमबत्ती बनाना किया शुरू, पुलिस अधीकक्षक ने नब्बे परिवारों का जीवन बदला

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 बाराबंकी के पुलिस अधीक्षक डॉ अरविंद चतुर्वेदी का एक अनोखा कार्य सामने आया है जिसकी प्रशंसा चारों तरफ हो रही है आपको बता दें कि बाराबंकी की रामनगर थाना क्षेत्र के चैन पुरवा गांव में गांव कि अधिकतर महिलाएं अवैध शराब बनाने के काम में लगी हुई थी। यह बात बाराबंकी के पुलिस अधीक्षक डॉ अरविंद चतुर्वेदी को पता चली जिस पर बाराबंकी के पुलिस अधीक्षक डॉ अरविंद चतुर्वेदी व उनकी पत्नी उस गांव में पहुंचकर महिलाओं के साथ बैठक कर चौपाल लगाई। जिस पर उन्हें मोटिवेट किया और उन्हें मिशन कायाकल्प के अंतर्गत मधुमक्खी का पालन कराया। जिससे महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार भी देखने को मिलने लगा । महिलाएं मधुमक्खी का शहद निकाल कर उसके बाद मधुमक्खी के छत्ते से निकला हुआ मोम की मोमबत्ती बनाकर मार्केट में बिक्री करती है। फिलहाल बाराबंकी के पुलिस अधीक्षक उनकी आय दोगुनी करने में लगे हुए हैं। और महिला कॉन्स्टेबल को भी स्टाल ( दुकाने) लगवा कर बाजारों व मेले में बिक्री करवा रहे हैं।

बाराबंकी के राजकीय मैदान में हर वर्ष लगने वाला मेला में बाराबंकी के पुलिस अधीक्षक डॉ अरविंद चतुर्वेदी की तरफ से दुकान लगवा कर महिला कॉन्स्टेबल  मोमबत्ती बिक्री कर रही हैं । जिसको खरीदने के लिए ताता भी लगा हुआ। दुकान लगाने वाली निशा यादव कॉन्स्टेबल कहती हैं कि बाराबंकी के पुलिस अधीक्षक डॉ अरविंद चतुर्वेदी की तरफ से निर्देश मिला है कि मोमबत्ती की दुकान लगाकर मेला में बिक्री करें अच्छी खासी बिक्री भी हो रही है और लोगों का सपोर्ट भी शराब बेचने वाली महिलाओं को मिल रहा है। वहीं पुलिस अधीक्षक डॉ अरविंद चतुर्वेदी ने हमारे से बातचीत करते हुए बताया कि चैनपुरवा गांव में करीब 94 परिवार थे जिनमें से 90 परिवार शराब बनाना छोड़ दिए हैं वह अब मिशन कायाकल्प के अंतर्गत कार्य कर रहे हैं और उन परिवारों को सरकारी योजनाओं का लाभ देने का कार्य काफी जोरों से चल रहा है जिसमें बाराबंकी के जिलाधिकारी आदर्श कुमार सिंह व बाराबंकी के मुख्य विकास अधिकारी मेघा रूपम जोरो जोरो से लगा कर उन्हें योजनाओं का लाभ देने में लगी हुई है। जल्द ही उनकी जिंदगी में अच्छा सुधार देखने को मिलेगा

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