Permission sought to build stadiums as temporary jail: स्टेडियमों को अस्थाई जेल बनाने की मांगी इजाजत, सरकार ने ठुकरा दिया

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा लागू किया गया नया कृषि कानून किसानों का रास नहीं आया है। जिसका विरोध व्यापक रूप से किसान कर रहे हैं। इस कानून का विरोध करनेके लिए किसान दो दिनों से आंदोलन कर रहे हैं और दिल्ली चलो आंदोलन के तहत लगाताार दिल्ली की ओर जा रहे हैं। दिल्ली पुलिस किसानों को रोकने का व्यापक इंतजाम कर रही है। दिल्ली बार्डर पर किसानों जत्था भारी संख्या में पहुंच रहा है। भारी संख्या में मौजूद किसानों को रोकने क ेलिए और आगे की कार्रवाई के लिए दिल्ली के नौ स्टेडियमों को अस्थायी जेल बनाने के लिए तैयारी कर रही है। इसके लिए दिल्ली पुलिस ने दिल्ली सरकार से 9 स्टेडियम को अस्थायी जेल में बदलने के लिए इजाजत मांगी है। स्टेडियमों को अस्थायी जेल के तौर पर इस्तेमाल करने की अनुमति मांगी थी, जिसे अरविदं केजरीवाल की सरकार ने ठुकरा दिया है।

दिल्ली में आप की सरकार है और आप नेता राघव ने ट्वीट कर कहा कि मैं दिल्ली सरकार से आग्रह करता हूं कि अस्थायी जेलों की स्थापना की अनुमति देने से इनकार कर दे। हमारे देश का किसान न तो अपराधी है और न ही आतंकवादी। भारतीय संविधान में अनुच्छेद 19 (1) के तहत शांतिपूर्वक विरोध का अधिकार निहित है और विरोध एक स्वतंत्र, लोकतांत्रिक समाज की पहचान है। बता दें कि दिल्ली चलो आंदोलन के तहत पंजाब और हरियाणा के किसान दिल्ली पहुंच चुकेहैं। दिल्ली पुलिस ने एहतियातन सिंघू सीमा पर यातायात बंद कर दिया है। अधिकारियों ने बताया कि बृहस्पतिवार की शाम बहादुरगढ़ से दिल्ली की ओर यातायात का आगमन भी बंद कर दिया गया था। पुलिस ने कहा कि प्रदर्शनकारियों के साथ आ रहे ट्रैक्टरों को रोकने के लिए सिंघू सीमा पर बालू से लदे पांच ट्रक और तीन वाटर कैनन (पानी की बौछार करने वाली गाड़ी) तैनात किए गए हैं।

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