2026 के प्रस्तावित परिसीमन में बढ़ेंगे हरियाणा में लोकसभा और विधानसभा के क्षेत्र

0
968
अब बन सकती हैं लोकसभा की 14 और विधानसभा की 126 सीटें 
आज समाज नेटवर्क
चंडीगढ़। सियासत में भौगोलिक परिवर्तन की बात कुछ जमी नहीं। पर, ये हकीकत है। न सिर्फ हरियाणा के हालात इसे साकार करेंगे, बल्कि 2029 में होने वाला विधानसभा चुनाव इसका साक्ष्य भी बनेगा। राज्य में 90 की जगह 126 विधायक चुने जाएंगे जबकि सांसदों की संख्या 10 से बढ़कर 14 हो जाएगी। यह आकलन 2026 में प्रस्तावित परिसीमन को लेकर होने वाली चर्चाओं के आधार पर किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि विधानसभा की 36 और लोकसभा की 4 सीटों की बढ़ोतरी के साथ हरियाणा राजनीतिक रूप से काफी ताकतवर राज्य बन जाएगा।
आपको बता दें कि परिसीमन आयोग हर 10 साल बाद विधानसभा और लोकसभा सीटों की संख्या में कमी अथवा वृद्धि करता है। इन 10 वर्षों के अंतराल में आयोग के पास बहुत से ऐसे केस और अर्जियां पहुंचती हैं, जिनमें लोकसभा और विधानसभा सीटों की संख्या बढ़ाने, घटाने अथवा आरक्षित करने के प्रस्ताव दिए जाते हैं। लोग अपने-अपने हिसाब से आयोग के पास दलीलें भेजते हैं, जिनका हकीकत जानने के बाद नए सिरे से परिसीमन किया जाता है। फिलहाल प्रदेश की 10 लोकसभा सीटों में से 2(अंबाला और सिरसा) तथा 90 विधानसभा सीटों में से 17 आरक्षित हैं।
दरअसल, हरियाणा विधानसभा के स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने बीते दिनों लोकसभा अध्यक्ष को एक पत्र भेजा गया है, 2026 में प्रस्तावित परिसीमन का जिक्र है। पत्र में इस बात का उल्लेख है कि राज्य में विधानसभा और लोकसभा सीटों की संख्या बढ़ सकती है। जबकि मौजूदा विधानसभा भवन में सिर्फ 90 सदस्यों के ही बैठने की व्यवस्था है। इसलिए हरियाणा विधानसभा को अपना अलग भवन चाहिए। इसलिए हरियाणा ने अपनी विधानसभा के नए भवन की प्रक्रिया आरंभ कर दी है। मालूम हो कि हरियाणा की मौजूदा 10 लोकसभा सीटों में अधिकतर ऐसी हैं, जो आबादी के लिहाज से दो से चार जिलों तक फैली हैं। ऐसे में लोकसभा चुनाव के दौरान नतीजे चौकाने वाले होते हैं। यही स्थिति विधानसभा सीटों की भी है। राज्य में 40 विधानसभा ऐसी हैं, जिनका ग्रामीण व शहरी क्षेत्र काफी बढ़ चुका है।
उदाहरण के लिए करनाल, पंचकूला या गुरुग्राम विधानसभा से बिल्कुल सटे इलाके नजदीकी विधानसभा में पड़ते हैं, जबकि गांव व शहरी लोगों के कामकाज के लिए मुख्यालय संबंधित शहर में होता है। ऐसे में परिसीमन के जरिये इन विधानसभा क्षेत्रों का फैला हुआ दायरा कम कर नई विधानसभा सीटें बनाई जा सकती है।
2029 में बदलेगी राज्य की राजनीतिक फिजा 
हरियाणा में प्रस्तावित 14 लोकसभा सीटों में से तीन आरक्षित हो सकती हैं, जबकि 126 विधानसभा में से 25 सीटें आरक्षित की जा सकती हैं। परिसीमन के बाद जहां कई नई सीटें बनेंगी, वहीं मौजूदा विधायकों व जनप्रतिनिधियों चुनाव परिणाम पर भी असर पड़ेगा। हरियाणा में 2024 में अगला विधानसभा चुनाव होगा। इसके बाद 2029 में होगा। हालांकि 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव पर इसका कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है, लेकिन 2029 के चुनाव में राज्य की सियासी फिजा बदली हुई नजर आ सकती है।
SHARE