- आंधी व बारिश से टूटे पेड़ व बिजली पोल, भीगा लाखों क्विंटल गेहूं
- जिले में औसतन 13.37 एमएम बारिश, पिल्लूखेड़ा में 27 एमएम बारिश
(Jind News) जींद। पश्चिमी विक्षोभ के चलते जिला में हुई बारिश ने किसानों के अरमानों को भी भिगोने का काम किया। मंडियों में पड़ा लाखों क्विंटल गेहूं भी भीग गया। आंधी के कारण कई स्थानों पर पेड़ तथा बिजली के पोल टूट कर गिर गए। जिसके चलते बिजली आपूर्ति भी बाधित हो गई। हालांकि बारिश ने भीष्ण गर्मी से लोगों को राहत दिलाने का भी काम किया। जिले में औसतन 13.37 एमएम बारिश दर्ज की गई। सबसे ज्यादा बारिश पिल्लूखेड़ा में दर्ज की गई। जहां पर 27 एमएम बारिश दर्ज की गई।
जींद मे 15 एमएम, नरवाना 12 एमएम, सफीदों में 10 एमएम, जुलाना में 12 एमएम, उचाना में पांच एमएम, अलेवा में 12.6 एमएम बारिश दर्ज की गई है। बारिश बिजी गई फसलों के लिए फायदेमंद है। साथ ही गर्मी से भी राहत दिलाने का काम बारिश ने किया है। मौसम विभाग के अनुसार छह मई तक मौसम परिवर्तनशील बना रहेगा। चार मई को भी पश्चिमी विक्षोभ दस्तक दे रहा है। जिसके चलते धूल भरी हवा के साथ बारिश की संभावना है। इस दौरान आकाश में बादलवाई के बंूदाबांदी तथा धूल भरी हवा चलने की सभावना है।
पश्चिमी विक्षोभ के असर से चलते मौसम मे बदलाव
तापमान मे गिरावट आएगी । मौसम वैज्ञानिक डा. राजेश ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के असर से चलते मौसम मे बदलाव आया है। छह मई तक मौसम परिवर्तनशील बना रहेगा। इस दौरान बारिश के साथ धूल भरी हवा की संभावना है। शुक्रवार को अधिकतम तापमान 36 डिग्री तथा न्यूनतम तापमान 24 डिग्री दर्ज किया गया। मौसम में आद्रता 59 प्रतिशत तथा हवा कि गति 19 किलोमीटर प्रति घंटा दर्ज की गई। मौसम विभाग के अनुसार छह अप्रैल तक मौसम परिवर्तनशील बना रहेगा। बादलवाई के साथ बूंदाबांदी तथा धूल भरी हवा भी चलेगी।
पिछले कुछ दिनों से भीष्ण गर्मी तथा हीट वेव से लोग बेहाल थे। मध्यरात्री मौसम ने करवट ली। जिसके साथ तेज आंधी चली। जिसके कुछ समय के बाद बारिश शुरू हो गई। जो रूक-रूक कर सुबह तक जारी रही। दिनभर आकाश में बादलों को आवागमन लगा रहा। हवा की गति तेज तथा ठंडी रही। तापमान में भी दो डिग्री की गिरावट दर्ज की गई। दिनभर मौसम सुहाना बना रहा। बारिश के साथ आई तेज आंधी तथा बारिश के चलते कई स्थानों पर बिजली पोल तथा पेड़ टूट गए और बोर्ड तथा होर्डिंग उखड़ कर सडकों पर जा गिरे।
12 घंटे बाद भी बिजली बहाल
बिजली गुल हो गई। काफी स्थानों पर तो 12 घंटे बाद भी बिजली बहाल नही हो पाई। जिसका असर पेयजल स्पलाई पर भी पडा। बिजली गुल रहने के कारण जरनेटर धड़धड़ाते रहे। बिजली गुल रहने के कारण लोगो को परेशानी का सामना करना पडा। डीआरडीए के सामने हुडा मार्र्केट में बिजली कर्मचारी बिजली सप्लाई को बहाल करने में पसीना बहाते हुए नजर आए। बारिश तथा आंधी की चेतावनी मौसम विभाग ने पहले दे दी थी।
अधिकारियों ने गेहंू उठान को लेकर एजेंसियों को चेतावनी भी दी थी। बावजूद इसके गेहंू का उठान नही हो पाया। जिसके चलते मंडियों में पडा लाखों क्ंिवटल गेहूं भीग गया। जिले मे अबतक 672037 मीट्रिक टन की खरीद हो चुकी है। जबकि अबतक 436870 मीट्रिक टन गेहूं का उठान हो पाया है। 35 प्रतिशत गेहंू अब भी मंडियों में पड़ी हुई है। जब तक गेहूं गोदाम तक नही पहुंचती तब किसान की राशि का भुगतान नही होता। गेहंू के भीगने से गुणवता पर भी फर्क पडता है।
दो स्थानों पर गिरी आसमानी बिजली, उपकरण जले
बारिश के दौरान जिले के गांव र्इंटल कंला तथा अकालगढ़ में दो मकानों पर आसमानी बिजली गिरने से दोनों मकानों के अलावा आसपास के मकानों के बिजली उपकरण जल गए। दोनों मकानों को भी काफी नुकसान पहुंचा है। गनीमत यह रही कि किसी प्रकार की जनहानि नही हुई। गांव र्इंटल कलां निवासी रामधारी ने अपने खेत में मकान बनाया हुआ है। शुक्रवार सुबह बारिश के दौरान उसके मकान पर आसमानी बिजली गिर गई।
जिसमें मकान की बिजली फिटिंग, पंखे, इन्वर्टर, बैटरी, फ्रिज, कूलर, बिजली मोटर समेत अन्य उपकरण जल गए। छत पर रखी पानी की टंकी में छेद हो गया। मकान में भी दरार आ गई। छत से टुकड़े टूट कर नीचे गिर गए। घटना के दौरान परिवार के लोग चाय पी रहे थे। रामधारी ने बताया कि अचानक जोरदार धमका हुआ। पूरा मकान थर्रा उठा।
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