- आत्मा का परमात्मा में रूपांतरण का मार्ग है, उपासना : आचार्य पवन शर्मा
Jind News(आज समाज) जींद। आचार्य पवन शर्मा ने कहा कि उपासना-दुर्वासना को मिटाती है, चिंता, भय एवं घृणा की व्यथा को हटाती है, ईष्र्या व तृष्णा की जलन को शांत करती है। आत्म शांति का मार्ग है उपासना।
आचार्य पवन शर्मा देवोत्थान एकादशी की प्रात: शनिवार को माता वैष्णवी धाम में चल रहे कार्तिक महोत्सव में उपस्थित श्रद्धालुओं के समक्ष अपने संबोधन में कहे।
भजन-कीर्तन द्वारा महिलाओं ने अपने प्रभु को खूब रिझाया। आचार्य ने कहा कि किसी व्यक्ति की उपासना सच्ची है अथवा नहीं इसका एक ही मापदंड है कि उपासना के फलस्वरूप साधक की अंतरात्मा में संतोष, सहनशीलता, प्रफुल्लता, शांति व सद्भावना का कितनी मात्रा में अवतरण हुआ है।
पूजा पाठ करना अलग व उपासना अलग
यदि उपासना के बाद भी सद्गुणों का प्रवेश उसके जीवन में नहीं हो पाया व उसे दीन-हीन वृतियां घेरे हुए हैं तो समझ लेना कि वह व्यक्ति कितना ही पूजा-पाठ क्यों न करता हो, उपासना से अभी कोसों दूर है। आचार्य ने कहा कि पूजा पाठ करना अलग बात है व उपासना अलग है।
अपनी कठिनाइयों को हल करने अथवा अपनी सुविधाओं को बढ़ाने की लालसा मात्र से जो प्राणी ईश्वर से प्रार्थना अथवा उनकी पूजा करते हैं वे उपासना के तत्व ज्ञान में अभी बहुत पीछे हैं। उपासना तो आत्मा व परमात्मा के मिलन का एक माध्यम है, नर से नारायण, पुरूष से पुरूषोत्तम व आत्मा का परमात्मा में रूपांतरण का मार्ग है उपासना।
यह भी पढे : Jind News : विकसित भारत के संकल्प में हरियाणा की भूमिका होगी अग्रणीय : डॉ. कृष्ण मिड्ढा