ITR Filing : ITR फाइलिंग के लिए अपने अहम दस्तावेजों को रखे तैयार, फॉर्म 16 का न करें इंतजार

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ITR Filing : ITR फाइलिंग के लिए अपने अहम दस्तावेजों को रखे तैयार, फॉर्म 16 का न करें इंतजार
ITR Filing : ITR फाइलिंग के लिए अपने अहम दस्तावेजों को रखे तैयार, फॉर्म 16 का न करें इंतजार

ITR Filing इस साल भी ITR नियमो से सम्भंदित कई बदलाव किये गए है जिसकी जानकारी होना बहुत आवश्यक है अगर भी अपनी अपनी ITR फाइलिंग करने की तैयारी में लगे हुए है तो आपको अभी से अपने दस्तावेज जमा करने शुरू कर देने चाहिए।आयकर विभाग ने ITR फॉर्म जारी कर दिए हैं, जिसमें कैपिटल गेन्स से जुड़े नियमों में अहम संशोधन किए गए हैं।

आखिरी मिनट में फाइल करने की जल्दबाजी में गलतियों की संभावना ज्यादा

अक्सर लोग सोचते हैं कि जब आयकर रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई है, तो अभी से परेशान होने की क्या जरूरत है? लेकिन, यह सोच बिल्कुल भी सही नहीं है। आखिरी मिनट में फाइल करने की जल्दबाजी में गलतियों की संभावना बढ़ जाती है, जिससे आपकी सारी मेहनत बेकार हो सकती है।

आयकर विभाग की ओर से कुछ ITR फॉर्म में बदलाव किए गए हैं, खास तौर पर कैपिटल गेन्स के नए नियमों के अनुसार। हालांकि, ऑनलाइन फाइलिंग के लिए सुविधाएं अभी जारी नहीं हुई हैं और वेतनभोगी कर्मचारियों को अभी तक अपने नियोक्ताओं से फॉर्म 16 भी नहीं मिला है। इन सबके बावजूद आपको अभी से जरूरी दस्तावेज जुटाने शुरू कर देने चाहिए।

सही ITR फॉर्म चुनना बहुत जरूरी

सबसे पहले आपको यह देखना चाहिए कि आपको कौन सा ITR फॉर्म इस्तेमाल करना है। इस साल कैपिटल गेन्स कमाने वाले करदाताओं को भी ITR-1 (सहज) इस्तेमाल करने की सुविधा दी गई है। हालांकि, इसके लिए कुछ शर्तें हैं। उदाहरण के लिए, अगर शेयर या म्यूचुअल फंड यूनिट बेचने से आपका पूरे साल का कैपिटल गेन्स ₹1.25 लाख से कम है और आप कोई नुकसान आगे नहीं ले जाना चाहते हैं, तो आप ITR-1 का इस्तेमाल कर सकते हैं।

यह ध्यान रखना जरूरी है कि अगर कोई करदाता रिटर्न दाखिल करने के लिए गलत ITR फॉर्म का इस्तेमाल करता है, तो उसका रिटर्न ‘दोषपूर्ण’ माना जा सकता है। ITR फाइलिंग के लिए जरूरी दस्तावेज ITR फाइल करने के लिए आपको कई जरूरी दस्तावेजों की जरूरत होगी।

इन्हें अभी से इकट्ठा करना शुरू करें:

  • बैंक खाते का विवरण
  • टीडीएस प्रमाणपत्र (फॉर्म 16ए/16बी/16सी)\
  • आधार और पैन
  • फॉर्म 26एएस
  • वार्षिक सूचना विवरण
  • फॉर्म 16
  • वेतन पर्ची
  • किराया समझौता

व्यक्तिगत करदाता रिटर्न दाखिल करने के बाद भी अपनी आयकर व्यवस्था बदल सकते हैं

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि व्यक्तिगत करदाता रिटर्न दाखिल करने के बाद भी अपनी आयकर व्यवस्था बदल सकते हैं। इस साल 1 फरवरी को पेश किए गए बजट में सरकार ने 12 लाख रुपये तक की सालाना कर-मुक्त आय की घोषणा की है, जिससे करदाताओं की नई आयकर व्यवस्था में रुचि बढ़ सकती है। अपनी वित्तीय स्थिति के अनुसार सही व्यवस्था चुनना महत्वपूर्ण है।

कटौती के लिए निवेश प्रमाण बहुत महत्वपूर्ण है

यदि आपने पुरानी कर व्यवस्था का उपयोग करने का निर्णय लिया है, तो कर-बचत निवेश पर कटौती का दावा करने के लिए आपको कई दस्तावेजों की आवश्यकता होगी:

  • यदि आपने आयकर की धारा 80सी के तहत कटौती का लाभ उठाने के लिए म्यूचुअल फंड योजनाओं, जीवन बीमा पॉलिसियों, एनपीएस आदि में निवेश किया है, तो उसका प्रमाण आवश्यक होगा।
  • अगर आपने मेडिकल पॉलिसी खरीदी है तो आपको सेक्शन 80डी के तहत उस पर छूट मिलेगी। लेकिन, इसके लिए आपको प्रीमियम भुगतान प्रमाणपत्र की जरूरत होगी।

अगर आपने होम लोन लिया है और ब्याज पर छूट का दावा करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको बैंक से ब्याज भुगतान प्रमाणपत्र लेना होगा।

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