कहा, भारत किसी दबाव में आए बिना रूस से कच्चा तेल खरीदना जारी रखेगा
Business News Update (आज समाज), बिजनेस डेस्क : अमेरिकी राष्टÑपति द्वारा भारत पर लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ के पीछे रूस से कच्चे तेल की खरीद को मुख्य कारण बताया था तो वहीं भारत ने इससे साफ इंकार कर दिया है। भारत जहां इसे अमेरिका की एक तरफा नीति बताते हुए नकार चुका है वहीं अब भारत की वित्त मंत्री ने भी यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत अपनी जरूरतों को ध्यान में रखकर फैसले लेगा न कि किसी बाहरी दबाव में आकर।
यह बोलीं देश की वित्त मंत्री
भारत रूसी तेल खरीदना जारी रखेगा और इस बारे में निर्णय पूरी तरह से राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखकर लिए जाएंगे। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को यह साफ किया। एक साक्षात्कार में वित्त मंत्री ने कहा कि चाहे वह रूसी तेल हो या कुछ और, हम दरों, लॉजिस्टिक्स या अन्य किसी भी मामले में अपनी आवश्यकताओं के अनुसार ही निर्णय लेंगे। तेल एक बड़ी विदेशी मुद्रा से जुड़ी वस्तु है। ऐसे में हम अपना तेल कहां से खरीदते हैं, यह एक ऐसा निर्णय है, जो हम सबसे अधिक उपयुक्त चीजों को ध्यान में रखकर लेते हैं। इसलिए, हम निस्संदेह रूसी तेल खरीदेंगे।
अमेरिका के भारत पर लगाए आरोप निराधार
केंद्रीय मंत्री ने दोहराया कि भारत के आयात बिल में कच्चे तेल का योगदान सबसे अधिक है। वित्त मंत्री का बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका ने भारत से आयात पर रूसी तेल खरीदने और यूक्रेन युद्ध को वित्तपोषित करने का आरोप लगाकर 27 अगस्त से 50 प्रतिशत आयात शुल्क लगा दिया है। उधर बुधवार को डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी कि अमेरिका ने रूस के साथ व्यापारिक संबंध जारी रखने वाले देशों पर अभी तक “चरण-2” और “चरण-3” शुल्क लागू नहीं किए हैं। उन्होंने भारत पर लगाए गए प्रतिबंधों को रूस के खिलाफ सीधी कार्रवाई बताया और कहा कि इससे रूस को सैकड़ों अरब डॉलर का नुकसान होगा। सीतारमण ने यह भी कहा कि जीएसटी जैसे सुधार से टैरिफ से जुड़ी कई चिंताएं दूर हो जाएंगी।
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