अमेरिका के दबाव का दिखा असर, अब रूस की जगह अमेरिका और खाड़ी देश से तेल खरीद रही सरकारी कंपनियां

Business News Hindi (आज समाज), बिजनेस डेस्क : अमेरिका के दबाव के चलते भारत ने रूस से कच्चे तेल के आयात में कमी कर दी है। ज्ञात रहे कि भारत की सरकारी तेल कंपनियों ने रूस से कच्चा तेल आयात लगभग बंद कर दिया है। सरकारी कंपनियां अब रूस के बजाय और कुछ विकल्प के लिए हाजिर बाजार का रूख कर रही हैं। इसके साथ ही रूस की जगह अमेरिका और अबुधाबी से कच्चा तेल खरीदने पर जोर दे रही हैं।

इंडियन आॅयल अमेरिका से और तेल की मांग कर रही है। मैंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स (एमआरपीएल) ने भी अबू धाबी से कच्चा तेल खरीदा है। सूत्रों ने बताया, घरेलू एमआरपीएल ने दिसंबर में रूसी आपूर्ति की भरपाई के लिए एक निविदा के जरिये ग्लेनकोर से 20 लाख बैरल अबू धाबी मुरबन क्रूड खरीदा है। रिफाइनर हर महीने हाजिर बाजारों का इस्तेमाल करेगी और अपने स्थायी आपूर्तिकतार्ओं से अतिरिक्त आपूर्ति की मांग करेगी। प्रतिबंधों के जोखिम से बचने के लिए रूस से तेल आयात करने से कंपनियां परहेज कर रही हैं।

ट्रंप ने दी थी भारत को चेतावनी

ज्ञात रहे कि अमेरिका पिछले कुछ माह से भारत पर लगातार दबाव बना रहा था कि वह रूस से कच्चा तेल खरीदना बंद करे। भारत द्वारा रूस से कच्चा तेल खरीदने पर अमेरिका ने भारत पर अगस्त में उच्च टैरिफ लगाए थे। इसके बाद अमेरिका ने भारत को स्पष्ट रूप से चेतावनी दी थी कि यदि भारत ने रूस से कच्चा तेल खरीदना बंद न किया तो वह भारत के साथ व्यापार समझौता नहीं करेगा और कठोर आर्थिक प्रतिबंध भी लगाएगा।

वहीं गत दिनों डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर दावा किया था कि भारत ने रूस से तेल की खरीद में उल्लेखनीय कमी की है। उन्होंने कहा कि इस मोर्चे पर भारत बहुत अच्छा कर रहा है। ट्रंप ने यह टिप्पणी एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपीईसी) सम्मेलन के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में की थी।

सरकारी कंपनियों ने की तेल खरीद बंद करने की पुष्टि

हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन-मित्तल एनर्जी ने कहा, उसने भी रूसी तेल खरीदना बंद कर दिया है। इंडियन आॅयल कॉरपोरेशन ने 2026 की पहली तिमाही के लिए अमेरिका से 2.4 करोड़ बैरल तेल के लिए प्रारंभिक बोलियां आमंत्रित की हैं। इस निविदा में कम सल्फर और उच्च सल्फर दोनों प्रकार के कच्चे तेल के कार्गो की मांग की गई है। इंडियन आॅयल बाजार का आकलन करने और अमेरिका से तेल खरीदने की स्थिति में विक्रेताओं का चयन करने पर विचार कर रही है।

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