
India On Gaza Crisis In UNSC, आज समाज), न्यूयॉर्क: भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की त्रैमासिक खुली बहस के दौरान इजरायल-हमास युद्ध के कारण गाजा में हुई तबाही पर चिंता जताई है। साथ ही नई दिल्ली की ओर से यूएनएससी की बैठक में फलस्तीनी मुद्दे सहित पश्चिम एशिया की वर्तमान स्थिति पर भारत का रुख साफ किया है। वहीं गाजा में स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा व्यवस्था की लगातार तबाह होती स्थिति पर चिंता व्यक्त की।
रुकनी चाहिए मानवीय त्रासदी
यूएन में भारत के राजदूत और स्थायी पर्वतनेनी हरीश (Parvathaneni Harish) ने कहा है कि गाजा में हमलों में केवल रुक-रुक कर विराम ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि वहां बुनियादी चीजों की कमी से जूझ रहे लोगों तक निरंतर और समय पर सुरक्षित तरीके से मानवीय व चिकित्सा जैसी जरूरी चीजों का पहुंचना भी जरूरी हैं। उन्होंने कहा, गाजा में हर दिन लोग भोजन और ईंधन की भारी कमी, अपर्याप्त चिकित्सा सेवाओं और शिक्षा तक पहुंच जैसी बुनियादी चीजों की कमी से जूझ रहे हैं, इसीलिए मानवीय त्रासदी रुकनी चाहिए।
क्षतिग्रस्त या नष्ट हो चुके हैं 95% हॉस्पिटल
भारतीय राजदूत ने कहा, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का अनुमान है कि गाजा के लगभग 95 फीसदी अस्पताल क्षतिग्रस्त या नष्ट हो चुके हैं। मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार, 6,50,000 से ज्यादा बच्चे 20 महीनों से ज्यादा समय से स्कूली शिक्षा से वंचित हैं। पर्वतनेनी हरीश ने कहा कि शांति का कोई विकल्प नहीं है और युद्धविराम के साथ सभी बंधकों को रिहाई होनी चाहिए। इन उद्देश्यों को हासिल करने के लिए संवाद और कूटनीति ही एकमात्र विकल्प हैं। कोई अन्य समाधान नहीं है।
फलस्तीनी हितों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता अटूट
फलस्तीन के प्रति भारत के ऐतिहासिक समर्थन को दोहराते हुए हरीश ने कहा कि ‘भारत के फलस्तीनी भाइयों और बहनों के साथ ऐतिहासिक और मजबूत संबंध हैं। हम हमेशा उनके साथ खड़े रहे हैं, और फलस्तीनी हितों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता अटूट है। हम फलस्तीनी राज्य को मान्यता देने वाले पहले गैर-अरब देश थे। उन्होंने कहा कि भारत वर्तमान में प्रत्यक्ष सहायता और यूएनआरडब्ल्यूए जैसे संगठनों के साथ साझेदारी के माध्यम से फलस्तीनी लोगों की सहायता के लिए 4 करोड़ अमेरिकी डॉलर से अधिक की मदद कर रहा है।
इजरायल ने लगाया हमास के दुष्प्रचार को बढ़ावा देने का आरोप
इजरायल ने इस बीच गाजा को मानवीय सहायता की आपूर्ति पर कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों द्वारा दिए गए बयानों को खारिज कर दिया। विदेश मंत्रालय ने इन संगठनों पर हमास के दुष्प्रचार को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। इजरायली प्रतिनिधि ने कहा कि इस तरह के बयान युद्धविराम के लिए चल रही बातचीत को नुकसान पहुंचा रहे हैं। उन्होंने कहा कि लगभग 4,500 ट्रक भोजन, आटा और बच्चों का खाना लेकर गाजा में प्रवेश कर चुके हैं। 700 से ज्यादा सहायता ट्रक वर्तमान में गाजा के अंदर हैं, लेकिन संयुक्त राष्ट्र द्वारा उठाए जाने का इंतजार कर रहे हैं।
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