कहा, मुझे उम्मीद है कि भारत समझदारी दिखाते हुए रूस से तेल खरीद बंद कर देगा

US Tariff on India (आज समाज), बिजनेस डेस्क : भारतीय अर्थव्यवस्था के सामने वर्तमान में जो सबसे बड़ी चुनौती खड़ी है वह है अमेरिका द्वारा जारी की गई टैरिफ की नई दरें। यदि अमेरिका अपने स्टैंड पर कायम रहा तो अगस्त अंत तक भारत को अपने उत्पाद अमेरिका में बेचने के लिए 50 प्रतिशत तक टैरिफ देना होगा। जोकि भारतीय निर्यात के लिए बहुत बड़ी नुकसानदायक खबर है। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक बार फिर से दोहराया है कि भारत उनके द्वारा दी गई चेतावनी पर अमल करते हुए रूस से कच्चा तेल खरीदना बंद कर देगा। वहीं ट्रंप ने यह भी कहा कि यदि भारत ऐसा नहीं करता है तो वह और भी ज्यादा सख्त कदम भारत के खिलाफ उठाएंगे जो भारत के लिए अच्छा नहीं होगा।

जानिए क्या बोले अमेरिकी राष्ट्रपति

अलास्का में रूसी राष्ट्रपति के साथ वार्ता करके लौट रहे ट्रंप से जब पूछा गया कि पुतिन से यूक्रेन युद्ध पर समझौते में आर्थिक पक्ष क्या होगा? इस पर ट्रंप ने कहा कि ‘रूस, अपने एक ग्राहक को खो चुका है, जो कि भारत है। जो रूस से 40 प्रतिशत तेल खरीद रहा था। चीन भी बहुत तेल खरीद रहा है। ऐसे में अगर मैंने और टैरिफ लगा दिए तो यह उनके (भारत) लिहाज से बेहद खराब होगा। अगर मुझे ऐसा करना पड़ा तो मैं जरूर करूंगा, लेकिन हो सकता है कि मुझे ऐसा करने की जरूरत न पड़े। ट्रंप का यह बयान उनके हालिया फैसले के बाद सामने आया है, जिसमें ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने का एलान किया है।

ट्रंप ने पहले भारत पर 25 प्रतिशत पारस्परिक टैरिफ लगाया, जो लागू हो चुका है। वहीं रूस से तेल खरीदने और यूक्रेन युद्ध को जारी रखने में कथित तौर पर रूस की मदद करने के आरोप में ट्रंप ने भारत पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का एलान किया है, जो 27 अगस्त से लागू होगा। इस तरह ट्रंप, भारत पर कुल 50 प्रतिशत टैरिफ लगा चुके हैं। इतना ही नहीं ट्रंप ने भारत पर और टैरिफ लगाने की बात भी कही है। भारत ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई थी और अमेरिका के कदम को अन्यायपूर्ण और बेतुका करार दिया था। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम अपने राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाएंगे।

आखिर रूस से क्यों इतनी मात्रा में तेल खरीद रहा भारत

फरवरी 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद यूरोप ने रूसी तेल पर प्रतिबंध लगा दिया। इसके बाद रूस ने अपने तेल को एशिया की ओर मोड़ा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत ने 2021 में रूसी तेल का सिर्फ 0.2% आयात किया था, लेकिन 2025 में यह भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता बन गया। औसतन 1.67 मिलियन बैरल प्रति दिन की आपूर्ति कर रहा है। यह भारत के कुल जरूरत का करीब 37% है।

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