Delhi BMW Accident, आज समाज, नई दिल्ली: दिल्ली के धौला कुआँ के पास हुई बीएमडब्ल्यू दुर्घटना ने एक नाटकीय मोड़ ले लिया है। इस मामले में गिरफ्तार आरोपी गगनदीप कौर ने अब ज़मानत याचिका दायर की है, जिसमें उन्होंने इसे महज एक दुर्घटना बताया है और अपनी रिहाई के लिए कई आधार प्रस्तुत किए हैं। इस याचिका पर आज, 17 सितंबर को सुनवाई होगी। इससे पहले, अदालत ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब माँगा था। इस बीच, घायलों को अस्पताल पहुँचाने वाले वैन चालक ने पुलिस पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए कहा है कि उसकी रोज़ी-रोटी छिन गई है।
अब तक का मामला
14 सितंबर को धौला कुआँ मेट्रो स्टेशन के पास एक दुखद दुर्घटना हुई, जिसमें वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी नवजोत सिंह (52) की मृत्यु हो गई और उनकी पत्नी संदीप कौर गंभीर रूप से घायल हो गईं। कथित तौर पर, गगनदीप कौर बीएमडब्ल्यू चला रही थीं। 15 सितंबर को, उसे गैर इरादतन हत्या, लापरवाही से गाड़ी चलाने और सबूत मिटाने के आरोपों में गिरफ्तार किया गया था। बाद में उसे अदालत में पेश किया गया और दो दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
गगनदीप की ज़मानत याचिका – मज़बूत तर्क दिए गए
अपनी याचिका में, गगनदीप ने पुलिस जाँच पर सवाल उठाए हैं और कई प्रमुख बिंदुओं पर ज़ोर दिया है:
दुर्घटना के लगभग 10 घंटे बाद, रात लगभग 11:30 बजे प्राथमिकी दर्ज की गई।
प्राथमिकी का विवरण डीसीपी की प्रेस वार्ता, सीसीटीवी फुटेज और वैन चालक के बयान से विरोधाभासी है।
डीसीपी के अनुसार, सीसीटीवी में बीएमडब्ल्यू पहले डिवाइडर से टकराती, फिर एक बाइक से टकराती और अंत में एक डीटीसी बस से टकराती दिखाई देती है – यही टक्कर नवजोत सिंह की मौत का कारण बनी।
गगनदीप का तर्क है कि उसकी गिरफ्तारी अनावश्यक थी क्योंकि वह पहले से ही अस्पताल में भर्ती थी। पुलिस ने न तो हिरासत की माँग की और न ही सबूत बरामद करने की, फिर भी उसे जेल भेज दिया गया।
उनका दावा है कि उन्होंने खुद सदमे में होने के बावजूद घायलों को अस्पताल पहुँचाने की कोशिश की।
दो छोटे बच्चों की माँ होने के नाते, जिनके सामाजिक संबंध गहरे हैं, वह ज़ोर देकर कहती हैं कि फरार होने या सबूतों से छेड़छाड़ करने का कोई ख़तरा नहीं है, और जाँच में पूरा सहयोग करने का वादा करती हैं।
वैन ड्राइवर का दर्द – “पुलिस ने मेरी रोज़ी-रोटी छीन ली”
इस बीच, घायलों को अस्पताल पहुँचाने वाले वैन ड्राइवर मोहम्मद गुलफ़ाम ने आरोप लगाया है कि दिल्ली पुलिस ने जाँच के बहाने उनकी गाड़ी थाने में खड़ी कर दी। सुल्तानपुरी निवासी गुलफ़ाम ने बताया कि वह फ़रीदाबाद से लौट रहे थे जब उन्होंने मदद के लिए गाड़ी रोकी। जब आसपास खड़े लोग वीडियो बनाने में व्यस्त थे, तब उन्होंने नवजोत सिंह, उनकी पत्नी और बीएमडब्ल्यू सवार लोगों को अस्पताल पहुँचाया।
अब उनकी वैन पुलिस के पास है, और उनका दावा है कि उन्हें बार-बार पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है। लगभग ₹1,000-1,500 रोज़ाना कमाने वाले गुलफ़ाम का कहना है कि वह बेरोज़गार हो गए हैं। अपनी पत्नी और पाँच साल की बेटी के साथ किराए के मकान में रह रहे गुलफाम मानते हैं कि यह मुश्किलें असली हैं, लेकिन उन्हें उस रात लोगों की जान बचाने का कोई अफसोस नहीं है।
दिल्ली पुलिस का जवाब
डीसीपी (दक्षिण-पश्चिम) अमित गोयल ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि गुलफाम की वैन ज़ब्त नहीं की गई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि दुर्घटना की जाँच चल रही है और जाँच में मदद करने वाले किसी भी व्यक्ति को परेशान नहीं किया जा रहा है।
फ़िलहाल, यह मामला एक अहम मोड़ पर है – गगनदीप इसे एक दुर्घटना बताकर ज़मानत मांग रही हैं, जबकि पीड़ित परिवार न्याय की माँग कर रहा है। उनकी ज़मानत याचिका पर अदालत का फ़ैसला इस हाई-प्रोफाइल मामले के अगले अध्याय की दिशा तय कर सकता है।
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