Navjot Kaur Sidhu, (आज समाज), चण्डीगढ़ : कांग्रेस हाईकमान ने पंजाब कांग्रेस के प्रभारी भूपेश बघेल से नवजोत कौर सिद्धू बयानबाज़ी के संबंध में रिपोर्ट तलब की है। वहीं पार्टी से निलंबित किये जाने के बाद नवजोत कौर सिद्धू का कांग्रेस नेताओं और पंजाब पार्टी प्रदेश अध्यक्ष राजा वड़िंग के प्रति आक्रामक रुख देखा जा रहा है, जिसके चलते अब इस मामले में कांग्रेस हाईकमान ने दखल दिया है।
नवजोत कौर कांग्रेस नेताओं के खिलाफ खुलेआम बयानबाजी कर रही थी
बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी और पूर्व विधायक नवजोत कौर सिद्धू कांग्रेस नेताओं के खिलाफ खुलेआम बयानबाजी कर रही थी, जिसके चलते पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष राजा वड़िंग ने कड़ा रुख अपनाते हुए कल उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया था। निलंबन के बाद भी नवजोत ने कहा था कि ”मेरा सस्पेंशन ऑर्डर एक स्टेट प्रेसिडेंट (राजा वारिंग) का है, जिनका कोई मतलब नहीं है। मैं दिल्ली हाई कमांड के टच में हूं। हमारी भी कंडीशन हैं कि हम चोरों को सपोर्ट नहीं करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि मुझे एआईसीसी का सपोर्ट था। 70 फीसदी कांग्रेस मेरे साथ है।” वहीं अब यह पूरा मामला कांग्रेस हाईकमान के दरबार पहुंच गया है। सूत्रों के मुताबिक पंजाब कांग्रेस को लेकर दिल्ली में हाईकमान की ओर से बैठक बुलाई जा सकती है।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, तीन दिन पहले नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू ने मीडिया के सामने खुलकर पंजाब कांग्रेस पर हमला बोला था और कई बड़े आरोप लगाए थे, जिसमें नवजोत ने कहा था कि अब योग्यता या काबिलियत के दम पर सीएम पद नहीं मिलता, बल्कि जो 500 करोड़ रुपए का सूटकेस देते है उन्हें सीएम पद का दावेदार बनाया जाता है। उन्होंने कहा था कि सिद्धू राजनीति में सक्रीय हो सकते है, यदि पार्टी उन्हें सीएम पद का दावेदार बनाये तो, लेकिन सिद्धू के पास शक्ति है, राज्य की हालत को बदलने का विज़न है, पर पैसे नहीं है।
पैसों के लेनदेन और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे
वहीँ नवजोत कौर के इस बयान के बाद गुरदासपुर से सांसद और पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने नवजोत कौर सिद्धू के 7 और 8 दिसंबर को दिए गए बयानों के खिलाफ गंभीर कानूनी नोटिस भेजा है। जिनमें रंधावा पर राजस्थान में कांग्रेस प्रभारी रहते हुए टिकट वितरण में पैसों के लेनदेन और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे। इस नोटिस में कहा गया है कि सिद्धू के आरोप पूरी तरह झूठे, मनगढ़ंत और दुर्भावना से प्रेरित हैं। इन बयानों से उनकी सार्वजनिक छवि को नुकसान पहुंचा है। कानूनी नोटिस के तहत नवजोत कौर सिद्धू से मांग की गई है कि 7 दिनों के भीतर सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगे। आपसी बयानबाजी का ये मामला बढ़ता देख अब हाईकमान ने हस्तक्षेप करते हुए मामले की पूरी रिपोर्ट मांगी है।
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