- एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह सहित कई अधिकारी रहे मौजूद
- 8 अप्रैल को सुखोई-30 एमकेआई फाइटर जेट से उड़ान भरी
President Murmu Today In Ambala, Haryana, अंबाला/चंडीगढ़: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज हरियाणा के अंबाला स्थित एयरफोर्स स्टेशन से दुश्मन के छक्के छुड़ाने वाले राफेल फाइटर जेट से उड़ान भरी। वह वायु सेना के कार्यक्रम में बतौर चीफ गेस्ट पहुंची थीं। राष्ट्रपति के एयरफोर्स स्टेशन पहुंचने पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहे। वहीं स्टेशन के आसपास ड्रोन उड़ाने पर रोक लगा दी गई है।
स्टेशन के आसपास ड्रोन उड़ाने पर रोक
अंबाला उपायुक्त अजय सिंह तोमर (Ajay Singh Tomar) के मुताबिक राष्ट्रपति दिल्ली से हवाई मार्ग से एयरफोर्स स्टेशन अंबाला कैंट पहुंचीं। उन्होंने बताया कि सुरक्षा के मद्देनजर वायु सेना स्टेशन के आसपास ड्रोन उड़ाने पर रोक के साथ ही स्टेशन के भीतर मोबाइल ले जाने पर भी पाबंदी है। प्रशासन की ओर से कार्यक्रम के आयोजन व प्रोटोकॉल के अंतर्गत संबंधित विभागों के अफसरों व अन्य को अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई है।
आठ अप्रैल को मुर्मू ने सुखोई-30 एमकेआई से भरी थी उड़ान
राष्ट्रपति के दौरे के दौरान केवल अधिकृत लोगों को ही स्टेशन में एंट्री की अनुमति दी गई। इससे पहले राष्ट्रपति मुर्मू ने इसी साल आठ अप्रैल को राष्ट्रपति मुर्मू ने असम के तेजपुर वायु सेना स्टेशन से सुखोई-30 एमकेआई फाइटर जेट में उड़ान भरी थी। आज उन्होंने राफेल फाइटर जेट में उड़ान भरकर इतिहास रच दिया। इस दौरान एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह समेत कई अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
सुखोई में अब्दुल कलाम व प्रतिभा पाटिल ने भी भरी थी उड़ान
तेजपुर में सुखोई-30 एमकेआई फाइटर जेट से उड़ान भरने वाली मुर्मू दूसरी महिला राष्ट्राध्यक्ष और तीसरी राष्ट्रपति बनीं थीं। गौरतलब है कि उनसे पहले पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम व प्रतिभा पाटिल ने सुखोई-30 एमकेआई फाइटर जेट विमान में उड़ानें भरकर इतिहास रचा था। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी राफेल में उड़ान भर चुके हैं।
भारत ने फ्रांस से खरीदे हैं राफेल
बता दें कि भारत ने फ्रांस से राफेल खरीदे हैं। 27 जुलाई 2020 को इन लड़ाकू विमानों की पहली खेप भारत पहुंची थी, जिनमें 5 राफेल विमान थे। सबसे पहले फ्रांस के मेरिग्नैक एयरबेस से उड़ान भरकर ये विमान अंबाला एयरबेस ही पहुंचे थे। विमान संयुक्त अरब अमीरात के अल दफरा एयरबेस पर रुके भी थे।
10 सितंबर 2020 को अंबाला एयरबेस पर फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली और भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में एक औपचारिक इंडक्शन सेरेमनी की गई थी। विमानों को वायुसेना की 17वीं स्क्वॉड्रन, ‘गोल्डन एरोज’ में शामिल किया गया था।
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