Haryana News | आज समाज नेटवर्क | चंडीगढ़। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि दलित और आदिवासी समाज पर हो रहे अपराधों की ताजा एनसीआरबी रिपोर्ट भाजपा शासन की नाकामी और संवेदनहीनता का जीता-जागता सबूत है। ये केवल आंकड़े नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय और समानता के संवैधानिक मूल्यों पर सीधा आघात है।

मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा है कि वर्ष 2022 की तुलना में 2023 में दलित समाज पर अपराध बढ़कर 57,789 तक पहुंच गए हैं, यानी हर दिन औसतन 158 दलितों पर अत्याचार दर्ज हो रहे हैं। यही नहीं, आदिवासी समाज के खिलाफ अपराधों में भी लगभग 29 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है।

ये आंकड़े स्पष्ट करते हैं कि भाजपा के राज में दलित और आदिवासी समाज सबसे अधिक असुरक्षित हो चुका है। यह स्थिति बेहद चिंताजनक और शर्मनाक है। भाजपा सरकार न तो अपराधियों पर सख्त कार्रवाई कर पा रही है और न ही पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने में गंभीर दिखाई देती है।

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा का सबका साथ, सबका विकास का नारा खोखला साबित हुआ है और जमीनी हकीकत यह है कि दलित और आदिवासी समाज को लगातार प्रताड़ना, अन्याय और भेदभाव झेलना पड़ रहा है। कुमारी सैलजा ने कहा हे कि देश में जातिगत हिंसा असामान्य नहीं है।

पिछले दशक में देश के विभिन्न हिस्सों में जातिगत हिंसा की कई घटनाएं हुई हैं। जाति-आधारित भारतीय समाज में अनुसूचित जातियों की पीढ़ियां जाति-आधारित भेदभाव का सामना कर रही हैं।

सांसद कुमारी सैलजा ने भाजपा सरकार से मांग की है कि दलित और आदिवासी समाज की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कार्य योजना बनाई जाए, अपराधियों को कड़ी सजा दी जाए और पीड़ित परिवारों को त्वरित न्याय एवं मुआवजा दिया जाए। सैलजा ने कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर के सपनों का भारत तभी साकार हो सकेगा जब समाज के कमजोर तबकों को समान अधिकारों और सुरक्षा की गारंटी मिले।

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