Gujarat News: वडोदरा में 45 साल पुराना पुल ढहा, 4-5 वाहन नदी में गिरे, 9 लोग मरे

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Gujarat News: वडोदरा में 45 साल पुराना पुल ढहा, 4 वाहन नदी में गिरे, 9 लोग मरे
  • गंभीरा पुल सुबह करीब 7.30 बजे ढह गया
  • प्रधानमंत्री मोदी ने हादसे पर जताया दुख 

Bridge Collapsed in Vadodara, (आज समाज), गांधीनगर: गुजरात के वडोदरा जिले में मुजपुर गांव (Muzpur village) के पास आज सुबह बहती महिसागर नदी पर बने गंभीरा पुल का एक हिस्सा ढह जाने से कम से कम चार वाहन नदी में गिर गए। पादरा के पुलिस निरीक्षक विजय चरण ने बताया कि दुर्घटना में कम से कम 9 लोगों की मौत हो गई और 4 लोगों को बचा लिया गया। बचाव अभियान जारी है। नदी में गिरे वाहनों में दो ट्रक, एक बोलेरो जीप और एक अन्य जीप शामिल थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने हादसे के शिकार हुए लोगों के परिजनों को मुआवजे का ऐलान किया है।

लंबे समय से जर्जर हालत में था पुल

वडोदरा कलेक्टर अनिल धमेलिया ने कहा, अब तक 9 शव बरामद किए हैं और पांच लोग घायल हैं। पुलिस निरीक्षक विजय चरण ने बताया, पुल वडोदरा ज़िले के पादरा को आणंद ज़िले से जोड़ता था और लंबे समय से यह जर्जर हालत में था। उन्होंने बताया कि कुछ लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है। रिपोर्टों के अनुसार पुल के ढहने से 5-6 वाहन नदी में गिरे हैं। आणंद के एसपी गौरव जसानी ने कहा, आणंद और वडोदरा को जोड़ने वाले पुल का एक हिस्सा ढह गया है और 3-4 वाहनों के नदी में गिरने की सूचना है।

स्थानीय लोग तुरंत मौके पर पहुंचे और रेस्क्यू शुरू किया 

गुजरात के मंत्री ऋषिकेश पटेल ने कहा, आज सौराष्ट्र और मध्य गुजरात, आनंद और पादरा को जोड़ने वाला पुल ढह गया और हादसे के कारण लगभग 5 छोटे-बड़े वाहन गिर गए। उन्होंने बताया कि यह पुल 1985 में बना था और  इस पुल का नियमित रखरखाव और मरम्मत का काम होता था, फिर भी यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी। जैसे ही पुल ढहने की खबर फैली, मुजपुर और आसपास के इलाकों के ग्रामीण मदद के लिए दौड़ पड़े। कुछ स्थानीय लोग बचाव कार्यों में मदद के लिए नदी में उतरे और डूबे वाहनों से जीवित बचे लोगों को बाहर निकालने में मदद की। 108 आपातकालीन एम्बुलेंस सेवा भी तुरंत घटनास्थल पर पहुंच गई।

दुर्घटना के लिए प्रशासन को दोषी ठहराया

कई लोगों ने पुल के अवशेषों पर एक मिनट का मौन रखा और मृतकों के प्रति शोक व्यक्त किया। इलाके के लोगों ने  दुर्घटना के लिए प्रशासन को दोषी ठहराया है और दावा किया है कि दशकों पुराने पुल की मरम्मत के लिए बार-बार किए गए अनुरोधों को नज़रअंदाज़ किया गया। लोगों का आरोप है कि चेतावनियों के बावजूद, अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की, जिसके कारण पुल ढह गया और कई लोग हताहत हुए।

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