- सस्ते के चक्कर में मांग अधिक: गैस गीजर के प्रयोग से होती है जहरीली गैस उत्पन्न
Gas Geyser Alert (आज समाज) : नवंबर माह के साथ ही सर्दियों की शुरुआत हो चुकी है। ऐसे में नहाने के लिए गर्म पानी का प्रयोग हर घर में किया जाता है। पानी गर्म करने के कई तरीके अपनाए जाते हैं, इसमें गैस गीजर का प्रयोग अहम है। वहीं चिकित्सकों को साफ कहना है कि गैस गीजर का प्रयोग जानलेवा हो सकता है। बाजार में पानी गर्म करने वाली बिजली की रॉड व गैस गीजर की मांग बढ़ गई है।
हल्की ठंड के साथ ही जल्द से जल्द गर्म पानी करने के लिए गैस गीजर का प्रयोग भी बढ़ गया है। परंतु गैस गीजर का प्रयोग न केवल शरीर के लिए घातक हो सकता है बल्कि यह जानलेवा भी हो सकता है। सुविधा के लिए लोग ऐसे संसाधन लगा लेते हैं, लेकिन उसके बारे में पूरी जानकारी लेना जरूरी नहीं समझते। ऐसे में गैस गीजर के प्रयोग के समय सावधानी रखने की भी जरूरत है।
जहरीली गैस कार्बन मोनोऑक्साइड इंसान के मौत का कारण
चिकित्सक डॉ. गौरव चतुर्वेदी ने बताया कि बंद बाथरूमों में नहाने के लिए गर्म पानी के इस्तेमाल हेतु जब इन गैस गीजरों का प्रयोग करते है तो इन गैस गीजरों के बर्नर्स से पैदा हो रही आग के कारण ऑक्सीजन की खपत अधिक होती है तथा कार्बन-डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है।
तंग जगह वाले बाथरूम जिनमें ताजी हवा आने जाने के प्रबंध न हो तो वहां उत्पन्न जहरीली गैस कार्बन मोनोऑक्साइड इंसान के लिए घुटन यहां तक कि मौत का कारण बन सकती है। ऐसे बाथरूम, जहां वेंटिलेशन की अच्छी व्यवस्था नहीं हो और गैस गीजर से पानी गर्म किया जाता हो, वहां ऐसी दिक्कत होने की आशंका ज्यादा रहती है।
गैस गीजर को बंद जगह इस्तेमाल करना घातक
इसके प्रयोग से हैड इंजरी, लंग्स में पानी भरने की आंशका, ब्रेन हेमरेज, बे्रन पैरालाइज जैसी बीमारियों का भय बना रहता है। गैस गीजर को बंद जगह इस्तेमाल किया जाए तो इसके परिणाम काफी घातक हो सकते हैं। वहीं दूसरी ओर जुगाड़ रॉड-कम लागत-मौसम में आए बदलाव के बाद पानी गर्म करने के लिए गैस गीजर व रॉड का प्रयोग लोहारू, सतनाली व आसपास के क्षेत्रों में किया जा रहा है तथा गैस गीजर व राड के कारण अनेक हादसे भी घटित हो चुके है।
रॉड लगी टंकी भी हो सकती है घातक
क्षेत्र में विभिन्न दुकानों पर बिक रही लोहे व प्लास्टिक की पानी की टंकी में लगी राड किसी कंपनी या आईएसआई से प्रमाणित नहीं है। इनसे हादसा होने की संभावना अन्य यंत्रों की अपेक्षा अधिक होती है। जुगाड़ से तैयार रॉड को टंकी में ही फिट कर दिया जाता है। इन रॉड लगी टंकियों की कीमत 1500 से 2500 रुपये तक की है।
टंकी लोहे की चद्दर की होने के कारण करंट लगने का भय हमेशा बना रहता है। प्रशासन भी इनके खिलाफ कोई ठोस कदम उठाता नजर नहीं आ रहा है। अगर समय रहते प्रशासन इस तरह के बिक रहे उत्पाद पर शिकंजा नहीं कसा तो कोई बड़ा हादसा होते देर नहीं लगेगी।
ये बरते सावधानियां:
चिकित्सकों की मानें तो गैस गीजर बाथरूम में नहीं बल्कि ओपन स्पेस में होना चाहिए। जगह नहीं होने पर बाथरूम में एग्जास्ट फैन होना जरूरी है। डोर ओपन होना चाहिए ताकि गैस का घनत्व कम रहे। बाथरूम में नहाने गए पारिवारिक सदस्य के प्रति सचेत रहना चाहिए। यदि इन सावधानियों पर अमल नहीं किया जाता है तो हमारा जीवन सुरक्षित नहीं है।
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