Anmol Bishnoi, (आज समाज) : पटियाला हाउस कोर्ट ने अमेरिका से प्रत्यर्पित गैंगस्टर अनमोल बिश्नोई को 11 दिनों की एनआईए हिरासत में भेज दिया। हालांकि NIA ने विशेष न्यायाधीश प्रशांत शर्मा से 15 दिनों की रिमांड मांगी थी, लेकिन अदालत ने 11 दिनों की रिमांड मंजूर कर ली। मामले की सुनवाई बंद कमरे में हुई और अदालत परिसर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। एनआईए ने तर्क दिया कि अनमोल बिश्नोई आतंकवादी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल से जुड़ा है। इसलिए, उसके खालिस्तानी संबंधों की जांच के लिए उससे भी पूछताछ की जाएगी।
अनमोल को अमेरिका से लौटने के बाद NIA ने गिरफ्तार कर लिया
बता दें कि गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई को अमेरिका से लौटने के बाद NIA ने गिरफ्तार कर लिया। उल्लेखनीय है कि अनमोल को अमेरिका ने मंगलवार को भारत डिपोर्ट कर दिया था। इसके बाद दिल्ली पहुंचते ही NIA उसे गिरफ्तार कर लिया। बता दें कि अनमोल ने बिश्नोई गिरोह के विभिन्न सहयोगियों के साथ मिलकर लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के लिए अमेरिका से आतंकवादी सिंडिकेट चलाना और आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देना जारी रखा। इसके लिए उसने जमीनी स्तर पर उसके गुर्गों का इस्तेमाल किया। जांच से पता चला है कि अनमोल बिश्नोई ने गिरोह के शूटरों और जमीनी गुर्गों को आश्रय और रसद सहायता प्रदान की थी। वह अन्य गैंगस्टरों की मदद से विदेशी धरती से भारत में जबरन वसूली में भी शामिल था।
पूछताछ से नेटवर्क की गतिविधियों का पता चलेगा
NIA ने कहा कि अनमोल जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का भाई और करीबी सहयोगी है। NIA ने तर्क पेश किया कि हिरासत में पूछताछ से उसके साथियों, गिरोह में उसकी भूमिका, सिंडिकेट के संचालन, धन के स्रोतों, इंटरनेट मीडिया खातों और इसमें शामिल अन्य व्यक्तियों, और नेटवर्क की गतिविधियों का पता चलेगा। एनआईए ने कहा कि अनमोल को हिरासत में पूछताछ पूरी होने के बाद 29 नवंबर को फिर से अदालत में पेश किया जाएगा। अनमोल पर मई 2022 में पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या, 2024 में एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या और अभिनेता सलमान खान के घर के बाहर गोलीबारी सहित 35 से ज़्यादा हत्या के मामलों में आरोप है। इसके साथ ही अनमोल पर अपहरण, धमकी और हिंसा के 20 से ज़्यादा मामले दर्ज हैं।
अनमोल का नेटवर्क उत्तर भारत में सक्रिय था
विशेष लोक अभियोजक ने अपना तर्क पेश करते हुए कहा कि चूंकि अनमोल इस गिरोह का एक प्रमुख मुखबिर और आतंकवादी-गैंगस्टर नेटवर्क था। एनआईए ने तर्क दिया कि लॉरेंस बिश्नोई गिरोह ने गोल्डी बरार, सचिन थापन, विक्रम बरार और अनमोल जैसे साथियों के ज़रिए अपने नेटवर्क का विस्तार किया। 2020 तक, इस गिरोह में 700 से ज़्यादा सदस्य थे और यह करोड़ों रुपये का वार्षिक राजस्व अर्जित कर रहा था। एजेंसी ने इसकी तुलना दाऊद इब्राहिम की डी-कंपनी से करते हुए कहा कि अनमोल का नेटवर्क उत्तर भारत में कानून-व्यवस्था को अस्थिर करने के लिए आतंक, हत्या और जबरन वसूली में सक्रिय था। एनआईए ने बताया कि अनमोल के पास दो भारतीय पासपोर्ट हैं, जिनमें से एक फर्जी है। इससे मिली जानकारी से गिरोह से जुड़े और लोगों की पहचान हो सकती है।