जानें विसर्जन करते वक्त किन-किन बातों का रखें ध्यान
Ganesh Visarjan, (आज समाज), नई दिल्ली: देशभर में गणेश चतुर्थी से लेकर के अनंत चतुर्दशी तक गणेश उत्सव को बेहद उत्साह मनाया जाता है। हर वर्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। सनातन धर्म में इस पर्व का बेहद खास महत्व है। गणेश चतुर्थी के दिन भक्त अपने घरों और पंडालों में भगवान गणेश को विराजमान कर विशेष पूजा-अर्चना करते हैं, जिसके बाद अनंत चतुर्दशी तक अलग-अलग दिन शुभ मूहर्त में गणेश विसर्जन करते हैं। इस दौरान गणपति बप्पा की विशेष पूजा होती है।

सभी बाधाओं से मिलता हैं छुटकारा

धार्मिक मान्यता के अनुसार, गणेश उत्सव के दौरान गणपति बप्पा की पूजा करने से जीवन में आने वाली सभी बाधाओं से छुटकारा मिलता है और भगवान गणेश की कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। अगर आपने भी गणेश चतुर्थी के दिन घर में गणपति बप्पा को विराजमान किया है, तो ऐसे में चलिए इस आर्टिकल में विस्तार से जानते हैं सातवें और अनंत चतुर्दशी के शुभ मुहूर्त के बारे में।

सातवें दिन का गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त

  • 02 सितंबर को होगा सातवें दिन का गणेश विसर्जन
  • प्रात: मुहूर्त: 09 बजकर 10 मिनट से 01 बजकर 56 मिनट तक
  • अपराह्न मुहूर्त: 03 बजकर 31 पी एम से 05 बजकर 06 मिनट तक
  • संध्या मुहूर्त: 08 बजकर 06 पी एम से 09 बजकर 31 मिनट तक
  • रात्रि मुहूर्त: 03 सितंबर को 10 बजकर 56 पी एम से 03 बजकर 10 मिनट तक

अनंत चतुर्दशी 2025 डेट और टाइम

  • इस बार 06 सितंबर को अनंत चतुर्दशी मनाई जाएगी।
  • भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरूआत- 06 सितंबर को देर रात 03 बजकर 12 मिनट पर
  • भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि का समापन- 07 सितंबर को देर रात 01 बजकर 41 मिनट पर
  • प्रात: मुहूर्त: 07 बजकर 36 मिनट से 09 बजकर 10 मिनट तक
  • अपराह्न मुहूर्त:12 बजकर 19 पी एम से 05 बजकर 02 मिनट तक
  • संध्या मुहूर्त: 06 बजकर 37 मिनट से 08 बजकर 02 मिनट तक
  • रात्रि मुहूर्त: 07 सितंबर को 09 बजकर 28 मिनट 01 बजकर 45 मिनट तक
  • उषाकाल मुहूर्त: 07 सितंबर को 04 बजकर 36 मिनट से 06 बजकर 02 मिनट तक

इन बातों का रखें ध्यान

  • गणेश विसर्जन से पहले गणेश जी की सच्चे मन से पूजा करें।
  • मोदक, फल और मिठाई समेत आदि चीजों का भोग लगाएं।
  • सुख-समृद्धि में वृद्धि के लिए बप्पा से कामना करें।
    मंत्रों का जप करें।
  • विसर्जन के समय काले रंग के वस्त्र धारण न करें
    किसी से वाद-विवाद न करें।
  • तामसिक भोजन का सेवन न करें।

ये भी पढ़ें : आज चंद्रमा वृश्चिक राशि में करेंगे संचरण