गांव धनौरा में पुल के ऊपर से बह रहा सोम नदी का पानी
Yamunanaga News, (आज समाज), यमुनानगर: हरियाणा के यमुनानगर में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। बाढ़ की चपेट में कई गांवों के आने संभावना बनी हुई। बाढ़ के हालात सोमनदी का तटबंध टूटने के कारण पैदा हुए है। तटबंध टूटने का कारण लगातार हो रही बारिश है। तटबंध टूटने से नदी का पानी तेज गति से आबादी की ओर बढ़ रहा है। वहीं धनौरा गांव में सोम नदी का पानी पुल के ऊपर से बह रहा है, जिससे पुल टूटने की आशंका बढ़ गई है।
ग्रामीणों में दहशत का माहौल है, क्योंकि तेज बहाव के कारण नदी का पानी गांवों में घुसने की कगार पर है। ग्रामीणों ने जल्द से जल्द प्रशासन से उचित प्रबंध करने की गुहार लगाई है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर अगर नदी पर बना पुल टूट गया तो कई गांव बाढ़ के पानी में बह जाएंगे। गौरतलब है कि यमुनानगर पिछले गई दिन से बारिश हो रही है।
आबादी की और बढ़ रहा पानी
जिस कारण सोमनदी ने रौद्र रूप धारण कर ली है। जलस्तर बढ़ने के कारण आदिबद्री के पास पानीवाला गांव में सोम नदी का तटबंध टूट चुका है, जिस कारण पानी आबादी की और तेजी से बढ़ रहा है। ग्रामीण डर के साए में जीने को मजबूर है।
ठीक ढ़ग से नहीं किया जा रहा बांध का निर्माण
धनौरा के ग्रामीणों ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि कि इस बांध का निर्माण ठीक ढंग से नहीं किया जा रहा। जब इस बांध पर काम लगा हुआ था उस दौरान भी इसकी पटरी तीन बार गिर चुकी थी। इस संदर्भ में अधिकारियों को सूचित किया गया था, लेकिन किसी ने कोई संज्ञान नहीं लिया। अधिकारियों की लापरवाही से बहुत नुकसान हुआ है।
बरौली माजरा सहित आसपास दर्जनों गांवों में घुसा पानी
पथराला नदी पिछले दो दिनों से अपने उफान पर है। शनिवार को बरौली माजरा सहित आसपास के दर्जनों गांवों में नदी का पानी घुस चुका है, जिससे सैकड़ों एकड़ फसलें जलमग्न हो गई हैं। अब रविवार सुबह से हो रही मूसलाधार बारिश ने बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए है।
गन्ने और धान की फसल बर्बाद
सिंचाई विभाग के अनुसार, पथराला नदी में 4000 क्यूसेक की क्षमता के मुकाबले 7500 क्यूसेक पानी बह रहा है, जो खतरे का संकेत हैं। किसान सोहन सिंह ने दुख जताते हुए कहा, हमारी गन्ने और धान की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं। प्रशासन ने बांध की मरम्मत के लिए कोई कदम नहीं उठाया।
जल निकासी की व्यवस्था पर नहीं दिया गया ध्यान
ग्रामीणों और शहरवासियों ने प्रशासन की तैयारियों को भारी नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि पिछले साल भी यमुनानगर में बाढ़ ने भारी तबाही मचाई थी, वहीं ग्रामीणों का कहना है कि इस बार भी बांधों की मरम्मत और जल निकासी की व्यवस्था पर ध्यान नहीं दिया गया। जिस कारण शक्ति नगर, मटका चौक, ससोली रोड और प्रोफेसर कॉलोनी जैसे इलाकों में सड़कों पर पानी जमा हो गया है।
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