Flaws in Civil Hospital: नेशनल हेल्थ मिशन निदेशक को मिली नागरिक अस्पताल में खामियां ही खामियां

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Flaws in Civil Hospital
Flaws in Civil Hospital
  • इमरजेंसी में एसी कम चलते मिले तो लैब में सामान की कमी, डिस्पेंसरी में दवाइंयों की कमी
  • लैब के कर्मियों को हाथ धोने का ज्ञान नही, गायनी में स्टाफ  नर्स को प्रसव की अधूरी जानकारी
  • भवन में पड़ा मिला कंडम स्मान, चिकित्सकों व नर्सिंग अधिकारियों को व्यवस्था बनाने के आदेश

आज समाज नेटवर्क, जींद:

Flaws in Civil Hospital: नागरिक अस्पताल में शुक्रवार को नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के स्वास्थ्य सेवाएं निदेशक डॉ. वीरेंद्र यादव पहुंचे और सार्थक टीम के साथ निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान इमरजेंसी में एसी नहीं चल रहा था। एक बेड पर दो-दो मरीज लेटे हुए थे। एग्जोस्ट फैन नहीं थे। मरीज पंखों के नीचे ही बेड को खींच कर ले जा रहे थे। मरीजों के साथ आए परिजनों ने भी व्यवस्था पर सवाल उठाए।

इमरजेंसी वार्ड मरीजों से खचाखच भरा हुआ

इस पर डा. वीरेंद्र यादव ने कर्मचारियों को फटकारते हुए इसमें एसी को ठीक करने, पंखे लगाने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान टीम को इमरजेंसी वार्ड मरीजों से खचाखच भरा हुआ मिला। इससे मरीजों को काफी सुविधा हो रही थी। इसे लेकर डा. वीरेंद्र यादव ने अस्पताल प्रशासन की खिंचाई की। साथ ही उन्होंने निर्देश दिए कि सिविल अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड को 20 बेड का और विस्तार दिया जाए। टीम ने सिविल अस्पताल में मरीजों की इंडोर फाइलों को पुराना बताते हुए इन्हें तुरंत प्रभाव से बदलने के निर्देश दिए। डॉ. यादव ने कहा कि अस्पताल में दाखिल मरीजों के लिए आधुनिक और नई फाइल लगाई जाएं।

ब्लड बैंक के डिस्पले का स्विच नही मिला Flaws in Civil Hospital

निरीक्षण के दौरान टीम ब्लड बैंक पहुंची। यहां एंट्री पर ब्लड बैंक डिस्पले बोर्ड लगा हुआ था। निदेशक ने इसे ऑन करने के लिए कहा। स्टाफ  में से किसी को भी ऑन करने के लिए बटन ही नही मिला। सारे कर्मचारी बटन को ढूंढते नजर आए। रात को जो ड्यूटी पर थे, उनसे पूछा तो वह भी कोई जवाब नहीं दे पाए। आखिरकार स्टाफ  ने माना कि यह डिस्पले ऑन ही नहीं होता है। इसके बाद ब्लड बैंक के अंदर किस ग्रुप का कितना खून उपलब्ध है, इसको लेकर लगे बोर्ड पर दो ब्ल्ड ग्रुप के आगे जीरो लिखा था।

इस पर डॉ. वीरेंद्र यादव ने स्टाफ  से पूछा कि अगर किसी ये ब्लड चाहिए हो तो स्टाफ क्या करे। इस पर कोई भी जवाब नहीं दे पाया। जहां पर ब्लड एकत्रित किया जाता है, वहां एंटरटेनमेंट के लिए एलईडी नही थी। इसे भी लगाने के निर्देश दिए गए। निदेशक ने सबसे पहले इमरजेंसी के गेट से काम करना शुरू किया तो इमरजेंसी के गेट पर ही रस्सी लगी मिली। जिससे एंबुलेंस व निजी गाड़ी का आगे निकलना संभव नहीं था।

क्योंकि गेट पर रस्सी बांध कर, स्ट्रेचर लगा कर व आगे बाइक खड़ी करके रास्ते को पूरी तरह से बंद किया गया था। इसको खुलवाने के निर्देश दिए। वहीं इमरजेंसी में एसी बंद मिला। इसके कारण गंभीर मरीजों को गर्मी में परेशानी हो रही थी। एमरजेंसी के वार्ड को बढ़ाकर 10 से 20 बैड का करने के निर्देश दिए। निदेशक लैब में पहुंच कर कर्मियों से हाथ धोने की जानकारी मांगी तो कई लैब तकनीशियनों को हाथ धोना ही नही आया। इसके अलावा डस्टबीन ठीक से नही मिले तो वहीं कुछ कर्मियों से काम के बारे में पूछा तो जानकारी नही मिली।

गायनी वार्ड में गर्भवती महिलाओं में मिली खून की कमी, लगाई फटकार

गायनी वार्ड में मौजूद पांच गर्भवती महिलाओं के कार्ड देखे तो तीन में खून की कमी मिली। इसको लेकर डीपीएम को फटकार लगाते हुए कहा कि उनकी आशा वर्कर क्या कर रही हैं। जब गर्भवती महिलाओं में खून की कमी है। इसके बाद मौजूद नर्सिंग स्टाफ  से महिलाओं को बच्चों की देखभाल के बारे में भी नही बता सकी। इस दौरान एक महिला को बिना गंभीर कारण के रेफर करना पाया गया। अस्पताल की लैब के बाहर लगे लाइटिंग बोर्ड में लाइट खराब मिली। डिस्पेंसरी में लगे लाउडस्पीकर का ताला लगा हुआ था। इसकी चाबी ही किसी चिकित्सक व स्टाफ  के पास नही मिली। इसको लेकर भी फटकार लगाई।

400 में से केवल 120 तरह की ही दवाइयां स्टॉक में मिली Flaws in Civil Hospital

अस्पताल की डिस्पेंसरी में लगभग 400 तरह की दवाइयों का स्टॉक होना चाहिए था लेकिन वहां पर केवल 120 तरह की दवाई मिली। इसके अतिरिक्त अस्पताल के पुराने भवन की दीवार पर पीपल का पेड़ उगा होने पर फटकार लगाई। एचआईवी एड्स की जांच के कमरे के नंबर को टेप लगा कर ढका हुआ था। जिसको सार्थक टीम ने उतारा। इसके अलावा ब्लड बैंक में टीम के आने पर ही व्यवस्थाओं को दुरूस्त करते हुए कर्मचारी दिखाई दिए।

नागरिक अस्पताल के डिप्टी एमएस डा. राजेश भोला ने कहा कि नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के स्वास्थ्य सेवाएं निदेशक डॉ. वीरेंद्र यादव ने निरीक्षण में जो-जो कमियां बताई हैं, उन्हें शुक्रवार को ही पूरा किया गया है। जो तोडफ़ोड़ का काम है, वो भी जल्द शुरू करवाया जाएगा। निदेशक द्वारा जो निर्देश दिए गए हैं, उस पर त्वरित कार्रवाई की जा रही है। अस्पताल में आने वाले मरीजों को किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए डिस्प्ले की स्पेशल व्यवस्था की गई है।

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