- शहर में 200 से अधिक स्थानों पर खुलेआम होती है गाडिय़ों की खरीद-फरोख्त
- रोजाना 100 से अधिक वाहन खरीदे-बेचे जाते हैं
Faridabad News ,आज समाज, फरीदाबाद। औद्योगिक नगरी में पुरानी कारों और बाइकों की खरीद-फरोख्त का कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है, लेकिन इस पर न किसी विभाग की निगरानी है और न ही कोई पंजीकरण की व्यवस्था। दिल्ली के लाल किला बम धमाके में इस्तेमाल हुई कार का लिंक फरीदाबाद से जुडऩे के बाद शहर में चल रहे इन बाजारों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं, जिससे अधिकारी भी हैरत हैं।
पुरानी गाडिय़ों के बाजार वर्षों से चल रहे
स्मार्ट सिटी फरीदाबाद में करीब 100 से अधिक स्थानों पर पुरानी गाडिय़ों के बाजार वर्षों से चल रहे हैं। इनमें एनआईटी 5 रेलवे रोड, मेट्रो मोड, जरौंदा चौक, सेक्टर-37, सराय ख्वाजा, ओल्ड फरीदाबाद, वर्ल्ड स्ट्रीट रोड, सेक्टर-17, सेक्टर-70 की विवादित रोड, कोर्ट रोड, टाउन पार्क के पास, बड़ौली, बाटा चौक और सेक्टर-3 जैसे इलाकों में ये कारोबार खुलेआम जारी है। इसके अलावा दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे की लिंक रोड और ग्रीन बेल्ट में भी अनेक कारें बिना अनुमति के खड़ी दिखाई देती हैं।
रोजाना खरीदे-बेचे जाते हैं 100 से 150 वाहन
एनआईटी-5 रेलवे रोड के पुरानी कार के कारोबारी ने बताया कि बाजारों में रोजाना 100 से 150 पुरानी कारों की खरीद-फरोख्त होती है। बाजार में डेढ़ लाख रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक की गाडिय़ां आसानी से उपलब्ध हैं। ऑनलाइन पोर्टलों पर भी लगभग 14 से अधिक डीलर और 600 से ज्यादा व्यक्तिगत विक्रेता करीब 4,500 पुरानी गाडिय़ां बेचने की जानकारी देते हैं।
पंजीकरण न होने के बावजूद भरते हैं टैक्स
वहीं कारोबारी सुदेश का कहना है कि कार खरीद-फरोख्त के दौरान वे सभी जरूरी दस्तावेजों की जांच करते हैं, आधार और बैंक लोन की पुष्टि करते हैं और आरसी ट्रांसफर के लिए संबंधित प्राधिकरण को दस्तावेज भेजते हैं। उनका कहना है कि भले ही उनका पंजीकरण न हो, लेकिन वे टैक्स अदा करते हैं। फिर भी, लाल किला धमाके जैसी घटनाओं में पुरानी कारों के इस्तेमाल ने यह स्पष्ट कर दिया है कि इस अनियमित बाजार पर अब तत्काल लगाम लगाना जरूरी है। यदि निगरानी व्यवस्था और पंजीकरण प्रणाली नहीं बनी, तो ऐसे कारोबार राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन सकते हैं।
ऑनलाइन कार पसंद करने पर घर पर करवाते टैस्ट ड्राइव
आज अनेक वेबसाइट के माध्यम से कार खरीर-बिक्री का कारोबार किया जा रहा है। ऑनलाइन साइड पर काम पसंद करने पर कंपनी कर्मचारी कार की टेस्ट ड्राइव कराने के लिए घर पर ही कार लेकर पहुंच जाते हैं, जिससे वे लोगों का भरोसा जीत सकें। पैसा लेने के बावजूद कई बार कागजी प्रक्रिया में लापरवाही करती जाती है।
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