Faridabad News (आज समाज नेटवर्क) फरीदाबाद। सेक्टर-16 स्थित मेट्रो अस्पताल की न्यूरोलॉजी विभाग की निदेशक डॉ. सुषमा शर्मा ने बताया कि दिवाली के दौरान पटाखों का शोर और प्रदूषण दिमाग से जुड़ी बीमारियों से ग्रस्त मरीजों पर नकारात्मक असर डालते हैं। उन्होंने कहा कि तेज आवाज वाले पटाखों से माइग्रेन, मिर्गी, एंग्जायटी (चिंता), नींद न आने जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं। खासकर वे मरीज, जो पहले से सिज़ोफ्रेनिया, डिप्रेशन या एपीलेप्सी जैसी मानसिक या तंत्रिका संबंधी बीमारियों से जूझ रहे हैं, उनके लिए यह समय और भी चुनौतीपूर्ण होता है।

डॉ. शर्मा ने बताया कि तेज आवाज मस्तिष्क की तरंगों (ब्रेन वेव्स) को प्रभावित करती है और अचानक तेज शोर से मरीजों में दौरे (सीजर्स) पडऩे की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा वायु प्रदूषण में मौजूद धूल और रासायनिक तत्व सांस के साथ शरीर में जाकर मस्तिष्क की ऑक्सीजन सप्लाई को प्रभावित करते हैं, जिससे सिरदर्द, थकान और चिड़चिड़ापन बढ़ जाता है।उन्होंने कहा कि दिवाली की खुशियां मनाते समय हमें संवेदनशील मरीजों का ध्यान रखना चाहिए। लोगों को कोशिश करनी चाहिए कि वे पटाखों की बजाय दीप जलाकर, फूलझडिय़ों या पर्यावरण-अनुकूल सजावट से त्योहार मनाएं। यदि किसी मरीज को चक्कर, उलझन या असामान्य प्रतिक्रिया दिखाई दे, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें। डॉ. शर्मा ने अपील की कि दिवाली खुशियों का त्योहार है, इसे शोर और धुएं से नहीं, रोशनी और अपनत्व से सजाएं, ताकि सभी सुरक्षित और स्वस्थ रह सकें।

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