EC Action On Political Parties, (आज समाज), नई दिल्ली/पटना: बिहार के 17 पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल (आरयूपीपी) इस बार राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव नहीं लड़ नहीं पाएंगे। दरअसल, भारतीय निर्वाचन आयोग ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29ए के तहत 334 गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक पार्टियों को लिस्ट से हटा दिया है और इनमें से 17 पार्टियां बिहार की हैं ।
कुल 334 दलों को अपनी सूची से हटाया
चुनाव आयोग ने इसी शनिवार को 334 दलों को अपनी सूची से हटाया है। इसके बाद देशभर में कुल 2854 पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक पार्टियों में से 2520 ही बाकी बची हैं। आयोग ने राजनीतिक दलों को लिस्ट से हटाने की मुख्य वजह उनकी 6 वर्ष की निष्क्रियता व गैर-मौजूद पते को बताया है। नियमों के अनुसार कोई दल यदि लगातार 6 साल तक इलेक्शन नहीं लड़ता है तो उसका रजिस्ट्रेशन कैंसिल हो सकता है।
पार्टियां अनिवार्य मानदंडों को पूरा करने में विफल
चुनाव आयोग द्वारा सूची से हटाई गई राजनीतिक पार्टियां वर्ष 2019 से एक भी इलेक्शन लड़ने के अनिवार्य मानदंडों को पूरा करने में नाकाम रही हैं। इसके अलावा, इन राजनीतिक दलों के कार्यालय भी उनके पंजीकृत दस्तावेजों में बताए गए पते पर मौजूद नहीं हैं। इसी कारण चुनाव आयोग ने इन दलों को लिस्ट से हटाने का निर्णय लिया है। ुईसी के मुताबिक सूची से हटाए गए राजनीतिक दल किसी तरह का लाभ प्राप्त करने के हकदार नहीं होंगे। आयोग ने यह भी कहा है कि इस आदेश से यदि किसी राजनीतिक दल को दिक्कत है तो वह 30 दिन के भीतर आयोग में अपील कर सकते हैं।
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