ED Raid: अनिल अंबानी से जुड़े 35 से अधिक परिसरों पर प्रवर्तन निदेशालय के छापे

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ED Raid: अनिल अंबानी से जुड़े 35 से अधिक परिसरों पर प्रवर्तन निदेशालय के छापे

ED Raids On Anil Ambani Pemises, (आज समाज), मुंबई: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आज उद्योगपति अनिल अंबानी से जुड़े मुंबई स्थित 35 से अधिक परिसरों की तलाशी ली। रिलायंस अनिल अंबानी समूह (आरएएजीए) की कंपनियों पर धन शोधन के आरोप हैं। केंद्रीय जांच एजेंसी ने बताया कि 50 कंपनियों और 25 लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है।

सीबीआई व अन्य एजेंसियों ने दर्ज की हैं 2 दो एफआईआर

एक सूत्र के मुताबिक ईडी ने सीबीआई और अन्य एजेंसियों तथा संस्थानों द्वारा दर्ज दो एफआईआर के आधार पर अपनी जांच शुरू की है। उसने बताया कि ईडी द्वारा की गई शुरुआती जांच से पता चला है कि बैंकों, शेयरधारकों, निवेशकों और अन्य सार्वजनिक संस्थानों को धोखा देकर जनता के धन की हेराफेरी/गबन करने की एक सुनियोजित और सोची-समझी योजना थी।

सेबी सहित इन संस्थानों ने साझा की है जानकारी

राष्ट्रीय आवास बैंक, बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी), राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण (एनएफआरए) और बैंक आफ बड़ौदा ने कथित तौर पर प्रवर्तन निदेशालय के साथ जानकारी साझा की है। बताया जा रहा है कि सेबी ने रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (आरएचएफएल) के मामले में भी अपने निष्कर्ष ईडी के साथ साझा किए हैं।

कॉर्पोरेट ऋणों में भारी वृद्धि भी ईडी की जांच के घेरे में

सूत्र ने बताया, आरएचएफएल द्वारा कॉर्पोरेट ऋणों में भारी वृद्धि, जो वित्त वर्ष 2017-18 में 3,742.60 करोड़ रुपए से बढ़कर वित्त वर्ष 2018-19 में 8,670.80 करोड़ रुपए हो गई, भी ईडी की जांच के घेरे में है। अनियमित और शीघ्र स्वीकृतियां, प्रक्रियागत विचलन और कई अन्य अनियमितताएं पाई गई हैं। सूत्र ने बताया कि ईडी रिश्वत और ऋण के बीच संबंध की भी जांच कर रहा है क्योंकि उन्हें संदेह है कि यस बैंक लिमिटेड के प्रवर्तकों सहित कुछ बैंक अधिकारियों को रिश्वत दी गई थी।

यस बैंक से 3,000 करोड़ का अवैध ऋण डायवर्जन

जांच से यह भी पता चला है कि 2017 से 2019 तक यस बैंक से लगभग 3,000 करोड़ रुपए का अवैध ऋण डायवर्जन हुआ। यह भी पता चला है कि ऋण दिए जाने से ठीक पहले, यस बैंक के प्रवर्तकों को उनके प्रतिष्ठानों में धन प्राप्त हुआ था। ईडी की जांच में कथित तौर पर रागा कंपनियों को यस बैंक के ऋण अनुमोदन में बड़े पैमाने पर उल्लंघन पाए गए हैं, जैसे कि बैकडेटेड क्रेडिट अनुमोदन ज्ञापन, बैंक की क्रेडिट नीति के उल्लंघन में किसी भी परिश्रम या क्रेडिट विश्लेषण के बिना प्रस्तावित निवेश, आदि। ईडी ने कथित तौर पर पाया है, ऋण शर्तों का उल्लंघन करते हुए, इन ऋणों को कई समूह कंपनियों और शेल कंपनियों में बदल दिया गया था।

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